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________________ २२४-२३२] · राठौडारी वातां २२४ नवा पेटै औलमे बाई राठोड किसना देवडा सामंतसी नोगारिया नै देवड़ो सामदास सूजावत देवडा प्रिथीराजरो भाई ओळिया राठोड भोपत पातावत. ऊहड गोपालदास साथै जोधपुर मेलिया। २२५. सवत १६४० नबाब खानखा मोटाराजा उदैसिघ राजपीपळा वेढ हुई गुजरातरो पातसाह मुदफरन भाज गुजरात दिली कारे घाली सवत १६४१ राजपीपळा मुदफर पातसाह भागो खानखा आगै जद मोटा राजाजीरा चाकर भाटी सादूळ मानावत गोइददासजीना भाई सोरासू बळियो। २२६ समाडली पटै भाई अमल किया जद गूजरासू वेढ हुई राजाजीरा दोय मनख माराणा समाडली सोभानू सीकदार कियो । २२७ पलासळो १, गूजरावास २, धुणलो ३, जोगावास ४, भिटोरो खुरद ५, बुटेला ६, हाफत ७, कोटडो ८, जाइजो ९, रीसाणियो १० - औ गाव दस सोजतरा कला करणराजोतरा दियोडा चारणानू मोटे राजा उथापिया जद बारट अखै साकर आढे दुरसै धरणो कियो अखै दुरसै गळे घाली। २२८. चाहडवा १, रहतडी २, बोरतडी ३, सुगालियो ४, गोधावस ५, भेवली ६, खारिया ७, गिरवरियो ८, आकडावस ९, वासणी १०, गोडाग ११, भिणावणो १२ - अ गाव बामणरा उथापिया। सवत १६५१रा असाढ सुद १५ राजा उदैसिंघजी लाहोर देवलोक हुवा। पातसाह अकबर नाव बैठ सतियाँन देखवा आयो जिण पहला लापो दियो. पातसाह कवर सूरजसिंघजीनू वीजाहीनू दिलासा दिवी कयौ, सरब काज कर पछै म्हा कनै आवो। , सौळेसै इक्काणवै, सुद पूनम आसाढ । देवलोक ऊदो गयो, गगहरो अवगाढ ॥ राणियां २३० बडी बहू सोळकणीजी सावतसीजीरी बेटी, सोळकियानूं वैर भागो जद परणियो मोटोराजाजी। २३१ कछवाहा राजा आसकरणरी बेटी बजरगदेजी मोटोराजा परणियो ज्यारा पुत्र सुरजसिंघजी हुवा। २३२ मोटाराजा उदैसिंघरै बेटा सूरसिंघ १, अखैराज २, भगवानदास ३, नरहरदास४, सगतसिंघ ५, भोपत ६, दळपत ७, जैतसिंघ ८, किसनसिंघ९, जसवतसिंघ १०,
SR No.010598
Book TitleBankidasri Khyat
Original Sutra AuthorN/A
AuthorNarottamdas Swami
PublisherRajasthan Puratattvanveshan Mandir
Publication Year1956
Total Pages233
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size10 MB
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