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________________ २० वांकीदासरी ख्यात पुत्रियां १८५ राजकवरी बाई बूदी हाडा सुरताणनू परणायी हुती. रावजी आपरी हाडीनू मारी हार्ड वाईन मारी. जदसू परणीजण परणावणरी अटक हुई । [ १८५-१९७ १८६. वाई पोहपावती डूगरपुर रावळ आसकरणनै परणायी हुती उवा रावळजी साथै वळी । १८७ हासवाई कछवाहा लूणकरणनै परणायी, वेटो जायो मनोहर राव सजनीवाई रावळ हरराजनू जेसळमेर परणायी. बेटो भीम रावळ, इद्रावतीवाई गवाळेर राजा कछवाहा आसकरणनू परणायी । १८८ बाई वाल्हवाई ऊमरकोटरा सोढा रायसलनू परणायी, पछै जोधपुर आयी, सावत कुवो पटै । १८९. वाई कनका गुजरातरा पातसाह सुरताण महमदतू परणायी. पातसाह मुवो जद जेसळमेर सजना वाई कनै आय रही । १९०. रतनावती बाई हाजीखाँनू परणायी हाजीखा मुवो जद चद्रसेणजीरा विखा माहे आयी थी पछै मोटा राजाजीरें जोधपुर ओज आयी. सवत १६४९ मुयी पर्छ नागोर मेली उठे गुमटी है । १९१ लालवाई सूर पातसाहनू परणायी । १९२ अमरसररा सेखावतारी भाणेजी, राव रामारी बहन जसोदाबाई नागोरी खानू रणाय । १९३ मानसिंह गागावतसू हमती दीठी जिणसू हाडी द्रोपदी महल वारै कढाय मारी । १९४ पातररी बेटी रुखमावती पातसाह अकबरनू परणायी लखमी बाहरली ओळगण नगा भारमलोतरै घरमे पैठी नगा लारे बळी | राव चंद्रसेण १९५. सवत १५८९ रा सावण सुद ८ चन्द्रसेणरो जनम सवत १६१८ रा पोस सुद ६ मालदेरै टीकै बैठा. सवत १६३७ रा माह सुद ७ सरियायरी गाळमे राज देवलोक हुवो । १९६ सवत १६१८ लोहावट चन्द्रसेणजीरै नै उदेसिंहजीरै वेढ हुई रावळ मेघराज हा` `वतरा हाथरी बरछी उदसिंहजीरै लागी जद कलोजीसू उदैसिंघजी अकबर कनै गया गवाळेर कनै समखळी ठिकाण पटो पायो । १९७. मोटा राजारै हायरी वरछी चन्द्रसेणजीरं लागी. रावळ मेघराजरै हाथरी वरछी मोटा राजारै लागी लोहावटरै खेत ।
SR No.010598
Book TitleBankidasri Khyat
Original Sutra AuthorN/A
AuthorNarottamdas Swami
PublisherRajasthan Puratattvanveshan Mandir
Publication Year1956
Total Pages233
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size10 MB
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