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१४४-१५३ ]
राठौडांरी वातां ऊहड जैमल जैतसिघोत४, राठोड प्रथीराज कूपावत५, रावळ मेघराज
हाफावत ६, राठोड महेमदास घडसिंघोत७, राठोड लेखमण भादावत ८ । १४५ हरमाडे राणा उदैसिंघजीरो उमराव सूजो वाली हो जिणरै देईदास जैतावतरै
हाथरी बरछी लागी सूजो खेत पडियो जैतारणियो तेजसी डूगरसिघोत राणाजीरै काम आयो राणाजीरी फौज भागी रावजीरो सीधल देदो
रणधीर काम आयो। १४६. सवत १६१३ रा फागण वद १२ अजमेरसू कोस १२ हरमाडो जठे राड हुई।
राणा उदैसिघजीरो उमराव नाडूळाईरो धणी बालीसो सूजो जसवतोत माराणो राठोड देईदास जैतावतरै हाथ रह्यो राठोड जैतारणियो तेजसी
डूगरसिंघोत राणाजीरो उमराव काम आयो राणोजी जीता नही, खान जीतो। १४७ रावजी साथै पहुचावण जैपुर आया हुता उठ जासूसा खवर दिवी खान जीतो
रावजी मेडता माथै आवणरी त्यारी किवी जद जासूसाँ खबर दिवी-मेडतो खाली है, जैमलरो कोई नही है मेडतामे सवत १६१३रा फागण सुद १२ रावजी मेडते पधारिया जैमलरा माणस बाबरै गिररी समाळ केई दिन
रहिया रावजी हळ जोताय मेडतियारी जायगा पडाय नखायी। १४८ रावजी जैतारण हुता जैतारणसू डोढ हजार घोडो हाजीखारी मदत मेलियो
हो हाजीखान जीतो. औ समाचार रावजीसू मालम कराया रावजी मेडत पधारणरी त्यारी किवी जद जासूसाँ खबर दिवी-जैमलजीरो कोई आदमी
मेडनामे नही है सवत १६१३ फागण सुद १३ मेडतै पधारिया। १४९ जैमलजीरा माणस गिररी वावरै समेळ केईक दिन रहा। १५० हळ जोनाय रावजी मेडतियारी जायगाँ पडायी। १५१ सवत १६१४ मेडतै मालकोटरी नीव दिरायी सवत १६१६ मालकोट
सपूरण वणियो जद राठोड देईदाम जैतावतनू साथ घणासू मालकोट थाणे राखियो।
१५२ सवत १६१८ रा आसोज वदमे राठोड देईदास जैतवात, राठोड पनो नगावत
जाळोरगढ लियो मलिक वूढनखानू काढियो आसोज सुद ५ कवर
चदरसेण जाळोरगढ चढियो। १५३ पछै जेमलजी वधनोरसू जाय अकबर पातसाहरा उमराव मिरजा सरफुद्दीननू
__ पातसाही लसकर समेत मेडते मालदेजीरा साथ साम आणियो संवत