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________________ २६४६-२६६४] भौगोलिक वातां [२११ २६४६ विरामणरै बेटी हुई जोतिसिया कह्यो इणरो पत मळेछ हुसी जद सिंदूकमे घाल दरियामे वहाय दिवी आगै धोबी वडो धनवान हो उण पाळ मोटी किवी नाव ससुई दियो केचमे बलोचामे जातहोत वसमे पनो होत हुवो, जिण केचसू आण ससुई परणी। २६५० भैसारो चरावा वाळो मिहर कहावै सिधमे मिहरसू सनेह हुवो सोहणीर । घडो भागो तो घोलियो, भरगो जान घडीह । उणो मझा अमी चव, कर दरियाव दडीह ॥ २६५१ जैसळमेर पर मूमलरी मेडी है - काकनै ऊपर मूमल, सूमल, सहजा में तीन वहना है । प्रसिद्ध गढ़ २६५२ आमेर १, गवाळेर २, चितोड ३, चापानेर ४, भाभेर ५, माडव ६, सालैहर ७, माल्हेर - अ वडा गढ है । २६५३ चहुवाणा सातल सोमरै घर जनम हुवो गढ सिवाणैरो। २६५४ जाळोर सोनगरा कान्हडदे घर जनम हुवो। २६५५ रणथभोर चहुवाण हठीला हमीररै घर जनम लियो । २६५६ चितोड राणा अडसीरै घर जनम हुवो। २६५७ सिहोर गोहिलार घर जनम हुवो। २६५८ जेसळमेर दूदा तिलोकरै घर जनम हुवो। २६५६ गागुरण खीची अचलदासर घर जनम हवो। २६६० अकबर चितोड लियो जद राणारै घर जनम हुवो। २६६१ सिवाणो कला रायमलोतरै घर जनम हुवो । प्रसिद्ध हाथी-घोड़ा २६६२ श्रीकलस हाथी सिधराव जैसिंघरै, दळवादळ आसफुदोलार, श्रीप्रसाद नैपालरा राजार, जसतिलक उदयपुर, फतै मुमारख जोधपुर - अ हाथी वडा कारणीक हुवा। २६६३ पाबूरै घोडी काळवी, बहलिमारै पीवळी, दूदा जसहडोतरै रीमी, सागणर वैरवोर, भोजरै बोळी, वीरमरै समाध, वैरसी रायपाळोतरै ताजण, वालणरावरै हिरणी-इत्यादिक अग्यारै घोडी जग-जाहर हुयी। प्रसिद्ध राजा, वादसा, मंत्री आदि २६६४ हैदराबाद मसीरुलमुलक १, नागपुर देवजी बापू २, पूनै सखाराम बापू ३ - तीनू वडे मत्री भये है ।
SR No.010598
Book TitleBankidasri Khyat
Original Sutra AuthorN/A
AuthorNarottamdas Swami
PublisherRajasthan Puratattvanveshan Mandir
Publication Year1956
Total Pages233
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size10 MB
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