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________________ २४०८ - २४२२ ] फिरंगियांरी वातां [ १६७ २४०८. हैदरावाद मीर आलम तीन लाख रुपिया लगाय भारी तळाव करायो सहरमें जळरो पुर हो गयो । २४०६ कनकरी १, भेळचपुर २ पठाणारे पटै है हैदरावादरा नबाबरा दियोड़ा । २४१० हैदरावाद मीर आलम वजीर हो उणरो भाई मीरसाह टीपूरो वजीर हुवो । २४११ घोडोर, परेडी, आंसरे - अ किला हैदरावादरा नबाब कनासू सतारारं धणी लिया । टीपू २४१२ टीपू आपरा देसरो धंन परायै देस जावण देतो नही सिपाह वगेरा इणरा अमलमे हीज रहता । F [ फिरंगी ] २४१३ अग्र ेज १, पुर्तगीज २, विलदेज ३, फरासीस ४, फिरगी ५, डीगमार ६, गुरजी ७, इस्काटलैड ८, जरमनी ε, चिलबी १०, कुतबी ११, उसी १२औ बार टोपी निसारारी । २४१४. चीणा पटणरा नबाबनू अगरेज किंग करनाटक कहता. पछे उणरो राज खोस लियो । २४१५ आगै सूरतमे च्यारारो अमल हुतो नबाबरो १, अगरेजरो २, गायकवाडरो ३, पेसवारो ४ । २४१६ पटैल गवालेर तोडियो जद पापन साहब फिरगी पटेलसू जग कियो । २४१७. अगरेज कपतान मिस्टर आन स्काट साहब नै वगलरामरै मोलविया दोनू मिल हफत अकलीम किताब वणायी जिणमें कहे है कितीक जमी झडा हेट, कि पहाड हेट, कि बरफ हेटै, कि खारमय, कि आधारा माहे, कि जळ हेट, कि बळियोडी है | २४१८ पूरबमे गगारै तट किलकत्रासू बारह कोस उलदे जाच चौडो सहर बसायो फरासीसा फरासडागो सहर बसायो दोनू सहरा अधकोस वीच है । २४१६ पहला लालमडी सहर हो गगारै तट महा काळी देवी विराजै जठे सहर कलकत्तो अगरेजा वसायो । २४२० नेघडालन साहब नीमचरी छावणी मुवो । २४२९ मिसटर मटकलबरो छोटो भाई तामस मटकलब । २४२२ इफ अवरगेस नाम गवर जेलरो, व्यासजी जिणसू मिळिया ।
SR No.010598
Book TitleBankidasri Khyat
Original Sutra AuthorN/A
AuthorNarottamdas Swami
PublisherRajasthan Puratattvanveshan Mandir
Publication Year1956
Total Pages233
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size10 MB
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