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२३११-२३२१]
मुसलमानांरी वातां
तैमूर
२३११ अमीर तिहमूर बलख सहरमें पाट बैठो । २३१२ अमीर तिहमूररो बेटो मीरासाह साहजादो थको मुवो । २३१३. जात मुगल बरलास नख चकता गोरगा।
बाबर २३१४ हिंदरो पातसाह लोदी इब्राहीम, सुलतान सिकदररो बेटो, सुलतान बह
लोलरो पोतो, जिणनू बाबर मारियो। २३१५ सुलतान इब्राहीम दाना वजीरनू मारियो, अनहरखा काकानू उदास कियो,
कोल तोडन लागो, झूठ बोलण लागो, दारू पियै थो, पर स्त्रियासू गवन
करतो, जगतनू बेराजी कियो. बाबर जिसी आफत इब्राहीम माथै आयी। २३१६ पांच हजार बरकदार, वारै हजार सवार उजबक मुगलारा साथ ले काबुलसू
पाणीपत आयो उठे ही सुलतान इब्राहीम आयो. सात हजार पठाणासू खेत
पडियो सुलतान इब्राहीम फतै बाबररी हुई। २३१७. बीकानेर, सिरोही, मेडतो, गागुरण, बूदी, भीलवाडो, आंबेर, मेवाड,
माळवो, रायसेण, चदेरियारा ठिकाणारा मालक, अजमेररा जमीदार, मेवाड़रो लोक...सू सागै सीकरी बाबरसू जग कियो जोधपुररो धणी साथ नही हुतो जिणसू फतै हुई नही सागा राणारी सुलतान इब्राहीमरो साहजादो,
डूगरपुररो रावळ - मैं पिण सागा राणा कनै हुता। २३१८. सेरसाह तमाम पठाणासू अको कर विहार देसम फिसाद किवी दिलीरो
राह बंद कियो हुमायू में समाचार सुण चाकरारी सलाह लोपी, वरसातमें सेरसाहस जग करण चालियो सेरसाह जग करि जण.नै खिस गयो पर्छ पाछली रात प्रभातरो पाछडी ऊपर आय पडियो हुमायू सभाय सकियो नही कवीला छोड भागो नीठ लाघि नीठ बचियो घणो लोग नदीमे
डूब मुवो। २३१९. माळवा-गुजरातमें, बगालमें पहलै हुमायूरो अमल होय गयो हो गुजरातरा
थाणा छोड हुमायूरो भाई मिरजा असकरी जाय सेरसाहसू मिळियो । २३२० हुमायू दिली आयो भायारी फूटसू नै सेरसाहरा डरसू सिंधमें गयो भाई
इणरो लाहोर पातसाह होय बैठो। २३२१. सेरसाह दिली आय पातसाह हुवो पछै लाहोर गयो लारै घर माहस
हुमायूरा भायानू काढ दिया सिंध मुलतानां ई जबत किवी।