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________________ १९४१-१९५३] चहुआणांरी वातां । १६३ तेजसी वरजांगोतरो वंस . .. . १९४१. वरजाग १, तेजसी २, प्रथूराव ३, वाघो ४, सिंघो ५, वणवीर ६, सूजो ७, रामो ८। १९४२ राव वेगड़ो बरजाग, वरजागरो तेजसी, तेजसीरो प्रथमराव, प्रथमरै रावजी सूजोजी परणिया सेखोजी, देईदासजी प्रथम रावजीरा दोहिता। १९४३ प्रथूरावरो बाघो जिण कोढणावाटीमे वाघावास गाव वसायो वाघार सिंघो, सिंघारै वणवीर, वणवीररै मोटो राजा परणियो । १९४४. वणवीररो सूजो, सूजारो रामो वडो सीकाई वडो रजपूत हुवो थोभरी . । खारडी पट रही। '१९४५ चहुवाण अजो प्रथूरावरो बेटो, देईदासजीरो मामो चित्तोड भिळता देईदासजीरै काम आयो। वागड़िया चहुवाण. १९४६ सरणो देवी कुळदेवी वागडिया चहुवाणारै । - १९४७ कालो भीमसिंघजी ईडर परणीजण जावै जठ महीरै घाट जान आयी. वाग_ . डिया प्रण माडियो उण घाटानू छोड दूजै घाटै जान उतरी. १९४८ मही नदीरो अक घाट वागडिया चहुवाण तोलक है उण घाट माथै वागड़िया .... काम आया ज्यारी छत्रिया है। १९४९ राकसिया चहु वाण लवेरै भाटियारै पेटसू ठावा आदमी है। १९५० दूहो रिपु भगतणरो राडियो, जाजक रिपु सी जाण । कोयलरो रिपु कागलो, चारण' रिपु चहुवाण ॥ ___ मै पूरबिया चहुवाण। चाविडा १९५१. चावड़ा जादवामे मिलै सुणीजै है। १९५२ अणहल ,ग्वाळेरा कहणासू वनमे वनराज चावडे नगर वसायो. नाव अणहल पुरो पटण. मुसळमान पीरान पटण कहै।। . . " .. १९५३. चावड़ारा ठिकाणा च्यार-माणसा.१, वरोहीडो २, लाकरोडो ३, वसी ४, वा आदमी है।
SR No.010598
Book TitleBankidasri Khyat
Original Sutra AuthorN/A
AuthorNarottamdas Swami
PublisherRajasthan Puratattvanveshan Mandir
Publication Year1956
Total Pages233
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size10 MB
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