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________________ १३०] वांकीदासरी ख्यात [ १५०४-१५१९ १५०४ जूंजणूंरा भोजराजोत ज्या हेटै नव सौ गाव है । १५०५. खलारै सलार ठिकाणो. गुवाररै जैसिंघ, जैसिंघरो वाको, वाकारो वीरम, वीरमरो रतनो, रतनारो भुजबळ, भुजबळरो साकर. ठिकाणो मांडो । १५०६ साकररो साडल, साडलरो सावळ, सावळरो देईदास पट मोडी । १५०७. सेखावाटीमे करनोतानू नीबावत कहै । १५०८ झटकैरो मारियोडो साकररो जानवर सेखावत न खावै सूर न खावे. ___ नगारारै झालरी नीळी राखै ऊटारी जुन नीळी राखै नीलां निसाण राखै. सेख बुरहानरी दवासू मोकळजीरै सेखो हुवो जिणसू । १५०९ सौ गाव कासलीरा तीन सौ गांव फतैपुररा, दोय सौ गांव खडेलारा, छव सौ गाव सीकर हेटै छ। टोडा १५१०. रामसिंघ तोडारो राजा भीव अमरसिघोतरो, राठोड जेतारणिया नराणदास पता डूगरसिंघोतरो दोहितो - तोडा-बाळा रसिया | म्हारै अमल किया घर आव । पड़िहार १५११. पडिहारारै गोत्रजण देवी । १५१२ पडियार नाहडराय मडोवर गढ करायो, पुसकरजी बधायो । १५१३. पड़ियारा कनैसू रायपाळ धूहड़ोत मडोवर लियो, छूट गयो । १५१४ अह न मदची रूपडा, वुध घर पडियार । १५१५ पडियार रूपडिय राणै अग्यारमी बेटी वुधा भाटीनू परणायी। १५१६ पडियार राणो रूपडियो जिणरै वारै बेटी हुई गयाजीमे इण कही - बार ही कन्या वारै रावानू परणावसू इग्यारै कन्या तो इग्यारै रावानू परणायी. वारमी कन्या राब न मिळियो जद भाटी राव केल्हणनू बारमी बेटी परणायी उण दिनसू पडिहारा भाटियारै सनमध हुवो । १५१७ पडियार वेळो वीकाजी साथै गयो बीकानेर उठे वेळासर गाव वसायो । १५१८ पडियार अक भाई तवेलारो, दूजो भाई तोपारो दरोगो जोधपुर । १५१९. पडियार नाहडराय पूरवसू आय गजणरो वर पाय मारानू मारि मारवाड लिवी ।
SR No.010598
Book TitleBankidasri Khyat
Original Sutra AuthorN/A
AuthorNarottamdas Swami
PublisherRajasthan Puratattvanveshan Mandir
Publication Year1956
Total Pages233
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size10 MB
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