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________________ १२३६-१२४३] यादवांरी वातां साचिया के उणरा माचासू उपाड गढसू बाहर नीसर वचिया हुता उठे पाचू ही साठा जणासू गढ माथै चढिया औ तोला पाहू कनै हुता. तोला पाहू ही आं साथै आयो. गढ रावळ मालारा साथरै हाथ न आयो। १२३७. गढ या पाचा अपणाय लियो तोला पाहून झै वदै नही, तोलो हियासू खराई करै. अक दिन तोलारै तिलोकसी झटकारी दीवी तोलारो माथो कटीज दर पडियो काटियै माथै तोलै पाछो झटको वाह्यो सो थाभो कटाणो, थांभो अजैस है । १२३८ जसहडरा बेटा वरस २१ राज कियो पछै पातसाही फोज आ माथै जैसळमेर आयी आसकरण तुरकानू भेद दियो गढ भिळियो दूदै तिलोकसी साको कियो पाचू भाई काम आया. गढमे तुरकारो थाणो बैठो।। १२३९ देवराज रावळ मूळ राजरो बेटो नै घडसी राणा रतनसीरो बेटो झै दोन मूळराज रतनसी काम आवणरै तुरकानू सूपिया सू औ मोटा होय पातसाहरा . . . • सू नाठा घडसी महेवै रावळ माला कनै गयो रावळ मालारी बहन विवली घडसी घरमे घाली, रावळ माले आपरो साथ मेल वीकमपुरमे घड़सीरो अमल करायो। १२४० घडसी आपरी वसी वीकमपुर राखी, सिंधरा पातसाहरी चाकरी लागो सिंधरा पातसाहसू जग हुवो जद घडसी पहला पातसाहरी असवारीरो सफेद हाथी जिणरी सूड काटी, सिंधरै पातसाह राजी हुय घडसीनू जैसळमेर दियो। १२४१ देवराज पातसाहरा । सू भाज घाट थर पारकरमे गयो, उठे परणियो, इणारै बेटा दोय हुवा केहर नै हमीर । १२४२ देवराजनू धाटरै दहइयै मारियो, पछै जैसळमेरसू रावळ घडसी केहर हमीरनू तेडणनू थाट मिनख मेलिया, आप तळेरी हुतो, जसहड भाटिया आसकरणरा बेटा घोडै सवार घडसीनू झटको कियो, घडसीरो माथो दूर पडियो, घोडो धडन ले गढ माथै गयो, घडसीरै बेटो नही हुवो, रावळ मालारी वहन विवली केहरनै टीको दे घडसीनू चूक हुवा पछै नवमै दिन सत कियो। १२४३ केहररो रावळ लखमण, लखमणरो वैरसी, वैरसीरो चाचो, चाचारो रावळ देईदास, देईदासरो भीम पछै भीमरो छोटो भाई कल्याणमल रावळ हुवो, कल्याणमलरो रावळ मनहरदास निरवस गयो।
SR No.010598
Book TitleBankidasri Khyat
Original Sutra AuthorN/A
AuthorNarottamdas Swami
PublisherRajasthan Puratattvanveshan Mandir
Publication Year1956
Total Pages233
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size10 MB
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