SearchBrowseAboutContactDonate
Page Preview
Page 105
Loading...
Download File
Download File
Page Text
________________ १००४-१०१६] गहलोतारी वातां १००४. हाडो राव सुरजण नरवदोत बूदीरो धणी जिणरी बेटी सांगो राणो परणियो. हाडांरा भाणेज सांगारै बेटा तीन- विक्रमादित्य १, उदैसिंघ २, भोज ३ । १००५. राणो उदैसिंघ, विक्रमादित्य, राणो भोज तीनू भाई बूदीरा नरवद भांडावतरा दोहिता। विक्रमाजीत सांगावत १००६. सं० १५७७ जेठ सुद १२ मांडवगढरै पातसाह चित्तोड बादरसाहजी विक्रमपाळ राणा कनांसू लीवी जद राठोड़ उदैदास मूजावत सीसोदियो वाघो सूरजमलोत काम आया। १००७ सं० १५८९ राणा विक्रमादित्य कनांसू चित्तोड लियो पातसाह बहादुरसाह मांडवरै धणी। उदैसिंघ सांगावत १००८. राणो उदैसिंघ बूदीरो धणी राव नरवद भाडावत जिणरो दोहितो। १००९. सं० १६२४ पातसाह अकबर चित्तोड लियो जद राठोड जैमल वीरमदेवोत नै पत्तो सामल काम आया । १०१०. चित्तोड़ माथै पदमणीरो तळाव, जैमल पत्तरो तळाव है। १०११. चित्तोड़ माथे कूकडेसररो कुड अति ऊडो है. जैमल पत्तै साको कियो जद तोपा सिलहखाना खजाना वगैरै इणमें नाखी। १०१२ अकवर चित्तोड़ लागो जद चित्तोडरा किलानू सुरग लगाडी सुरग पाछी फूटी अकबररो घणो लोक उणसू जान हुवो। १०१३. चित्तोड ऊपर अकबररै झिलमरै गोळारी फेट लागी । १०१४. हजार मैखी दसतो हाथमें पहरियां जैमळजी रातरा तीनू पहरारी चोकीमें चित्तोड़में आप फिरता. सग्राम नामा बदूक अकबररा हाथरी छूटी. गोळी जैमलरै लागी। १०१५ अकबर चित्तोड भेळियो जद पहलां बावन हाथी मधकर दळसिंगार वगेरै गढरा दरवाजानू चलाया. पहाडखा वगेरै महावत हाथियां चढिया हाथिया माथै जगी हौदा. जंगी हौदामें तमचा, कडाबीणा, तीर, कबाण, जाळिया सिपाह बैठा हाथियासू झगड्या राठोड ईसरदास वीरमलोत कीनो निराट आछो झगड़ो कियो। १०१६ चित्तोड भिळियो जद साढे तीन सै लुगायारो जवर हुवो। ।
SR No.010598
Book TitleBankidasri Khyat
Original Sutra AuthorN/A
AuthorNarottamdas Swami
PublisherRajasthan Puratattvanveshan Mandir
Publication Year1956
Total Pages233
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size10 MB
Copyright © Jain Education International. All rights reserved. | Privacy Policy