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३-पुरिमड्ढ-प्रवड्ट-पच्चक्खाण। ... १७९ ४-एगासण बियासण तथा एकलठाने का पच्चक्खाण,, [विकृति का अर्थ और उस के भेद ।] ... ५-प्रायंबिल-पच्चक्खाण ।
६-तिविहाहार-उपवास-पच्चक्खाण । ... १८४ . ७-चउन्विहाहार-उपवास-पच्चक्खाण। १८५
गत के पच्चक्खाण । १-पाणहार-पच्चक्खाण । २-च उबिहाहार-पच्चक्खाण । ३-तिविहाहार-पञ्चक्खाण । ४-दुविहाहार-पच्चक्खाण । ...
५-देसावगासिय-पच्चक्खाण । ५२. संथारा पोरिसी। ...
१८८ [द्रव्यादि चार चिन्तन । ] ...
१८९ ५३. स्नातस्या की स्तुति । ...
१९४ विधियाँ। सामायिक लेने की विधि । [ लोगस्स के काउस्सग्ग का काल-मान ] [ पडिलेहण के पचास बोल ।] ... सामायिक पारने की विधि। ... २०१ देवसिक-प्रतिक्रमण की विधि ।
२०२० [ चैत्य-वन्दन के बारह आधिकारों का विवरण ।] रात्रिक प्रतिक्रमण की विधि । पौषध लेने की विधि। देव-वन्दन की विधि ।
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