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उ० ६ सु० १७५]
सुत्तागमे गमणेणं पुवाउत्ते से कप्पइ पडिग्गाहेत्तए । १६१ ॥ जे से तत्थ पुवागमणेणं पच्छाउत्ते नो से कप्पइ पडिग्गाहेत्तए ॥ १६२ ॥ आयरियउवज्झायस्स गणंसि पंच अइसेसा पण्णत्ता, तंजहा-(१) आयरियउवज्झाए अंतो उवस्सयस्स पाए निगिज्झिय २ पप्फोडेमाणे वा पमजेमाणे वा नो अ(णा)इक्कमइ ॥ १६३ ॥ (२) आयरियउवज्झाए अंतो उवस्सयस्स उच्चारपासवणं विगिंचमाणे वा विसोहेमाणे वा नो अइकमइ ॥ १६४ ॥ (३) आयरियउवज्झाए पभू वेयावडियं इच्छा करेजा इच्छा नो करेजा ॥ १६५ ॥ (४) आयरियउवज्झाए अंतो उवस्सयस्स एगरायं वा दुरायं वा वसमाणे नो अइक्कमइ ॥ १६६ ॥ (५) आयरियउवज्झाए बाहिं उवस्सयस्स एगरायं वा दुरायं वा वसमाणे नो अइक्कमइ ॥ १६७ ॥ गणाचच्छेइयस्स णं गणंसि दो अइसेसा प०, तं०-(१) गणावच्छेइए अंतो उवस्सयस्स एगरायं वा दुरायं वा वसमाणे नो अइक्कमइ॥१६८ ॥ (२) गणावच्छेइए बाहिं उवस्सयस्स एगरायं वा दुरायं वा वसमाणे नो अइक्कमइ ॥ १६९ ॥ से गामंसि वा जाव रायहाणि(सण्णिवेसं)सि वा एगवगडाए एगदुवाराए एगणिक्खमणपवेसाए णो कप्पइ बहूणं अगडसुयाणं एगयओ वत्थए, अत्थि याइं ण्हं केइ आयारपकप्पधरे णत्थि याइं ण्हं केइ छेए वा परिहारे वा, णत्थि याइं ण्हं केइ आयारपकप्पधरे से (सव्वेसिं तेसिं) संतरा छेए वा परिहारे वा ॥ १७० ॥ से गामंसि वा जाव रायहाणिंसि वा अभिणिव्वगडाए अभिणिदुवाराए अभिणिक्खमणपवेसणाए णो कप्पइ बहूण वि अगडसुयाणं एगयओ वत्थए, अत्थि याइं ण्हं केइ आयारपकप्पधरे जे तत्तियं रयणि संवसइ णत्थि याइं ण्हं केइ छेए वा परिहारे वा, णत्थि याइं ण्हं केइ आयारपकप्पधरे जे तत्तियं रयणिं संवसइ सव्वेसिं तेसिं तप्पत्तियं छेए वा परिहारे वा ॥ १७१ ॥ से गामंसि वा जाव रायहाणिसि वा अभिणिव्वगडाए अभिणिदुवाराए अभिणिक्खमणपवेसणाए णो कप्पइ बहुमुयस्स बब्भागमस्स एगाणियस्स भिक्खुस्स वत्थए, किमंग-पुण अप्पागमस्स अप्पस्सुयस्स? ॥ १७२ ॥ से गामंसि वा जाव रायहाणिं सि वा एगवगडाए एगदुवाराए एगणिक्खमणपवेसाए कप्पइ बहुसुयस्स बब्भागमस्स एगाणियस्स भिक्खुस्स वत्थए दुह(उभ)ओ कालं भिक्खुभावं पडिजागरमाणस्स ॥ १७३ ॥ ज(जे तत्थ एए बहवे इत्थीओ य पुरिसा य पण्हावेंति तत्थ से समणे णिग्गंथे अण्णयरंसि अचित्तंसि सोयंसि सुक्कपोग्गले णिग्याएमाणे हत्थकम्मपडिसेवणपत्ते आवज्जइ मासियं परिहारट्ठाणं अणुग्घाइयं ॥ १७४ ॥ जत्थ एए बहवे इत्थीओ य पुरिसा य पण्हावेंति तत्थ से समणे णिग्गंथे अण्णयरंसि अचित्तंसि सोयंसि सुक्पोग्गले णिग्घाएमाणे मेहुणपडिसेवणपत्ते आवज्जइ चाउम्मासियं परि