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सुत्तागमे
[ उत्तरज्झयणसुत्तं धम्माधम्मागासा, तिन्नि वि एए अणाइया। अपज्जवसिया चेव, सव्वद्धं तु वियाहिया ॥ ८ ॥ समए वि संतई पप्प, एवमेव वियाहिए। आएसं पप्प साईए, सपज्जवसिए वि य ॥ ९॥ खंधा य खंधदेसा य, तप्पएसा तहेव य । परमाणुणो य बोधव्वा, रूविणो य चउव्विहा ॥ १०॥ एगत्तेण पुहत्तेण, खंधा य परमाणु य । लोगेगदेसे लोए य, भइयव्वा ते उ खेत्तओ ॥ ११॥ सुहुमा सव्वलोगंमि, लोगदेसे य बायरा । इत्तो कालविभागं तु, तेसिं बुच्छं चउव्विहं ॥ १२ ॥ संतई पप्प तेऽणाई, अपज्जवसिया वि य। ठिइं पडुच्च साईया, सपज्जवसिया वि य ॥ १३ ॥ असंखकालमुक्कोसं, एको समओ जहन्नयं । अजीवाण य रूवीणं, ठिई एसा वियाहिया ॥ १४ ॥ अणंतकालमुक्कोसं, एक्को समओ जहन्नयं । अजीवाण य रूवीणं, अंतरेयं वियाहियं ॥१५॥ वण्णओ गंधओ चेव, रसओ फासओ तहा। संठाणओ य विन्नेओ, परिणामो तेसि पंचहा ॥ १६॥ वण्णओ परिणया जे उ, पंचहा ते पकित्तिया। किण्हा नीला य लोहिया, हलिद्दा सुकिला तहा ॥ १७ ॥ गंधओ परिणया जे उ, दुविहा ते वियाहिया । सुब्भिगंधपरिणामा, दुब्भिगंधा तहेव य ॥ १८ ॥ रसओ परिणया जे उ, पंचहा ते पकित्तिया । तित्तकडुयकसाया, अंबिला महुरा तहा ॥ १९॥ फासओ परिणया जे उ, अट्टहा ते पकित्तिया । कक्खडा मउया चेव, गरुया लहुया तहा ॥ २० ॥ सीया उण्हा य निद्धा य, तहा लुक्खा य आहिया । इय फासपरिणया एए, पुग्गला समुदाहिया ॥ २१ ॥ संठाणओ परिणया जे उ, पंचहा ते पक्रित्तिया । परिमंडला य वट्टा य, तंसा चउरंसमायया ॥ २२ ॥ वण्णओ जे भवे किण्हे, भइए से उ गंधओ। रसओ फासओ चेव, भइए संठाणओ वि य ॥ २३ ॥ वण्णओ जे भवे नीले, भइए से उ गंधओ। रसओ फासओ चेव, भइए संठाणओ वि य ॥ २४ ॥ वण्णओ लोहिए जे उ, भइए से उ गंधओ। रसओ फासओ चेव, भइए संठाणओ वि य ॥ २५ ॥ वण्णओ पीयए जे उ, भइए से उ गंधओ । रसओ फासओ चेव, भइए संठाणओ वि य ॥ २६ ॥ वण्णओ सुक्किले जे उ, भइए से उ गंधओ । रसओ फासओ चेव, भइए संठाणओ वि य ॥ २७ ॥ गंधओ जे भवे सुब्भी, भइए से उ वण्णओ । रसओ फासओ चेव, भइए संठाणओ वि य ॥ २८ ॥ गंधओ जे भवे दुब्भी, भइए से उ वण्णओ । रसओ फासओ चेव, भइए संठाणओ वि य ॥ २९ ॥ रसओ तित्तए जे उ, भइए से उ वपणओ। गंधओ फासओ चेव, भइए संठाणओ वि य ॥ ३० ॥ रसओ कडुए जे उ, भइए से उ वण्णओ। गंधओ फासओ चेव, भइए संठाणओ वि य ॥ ३१ ॥ रसओ कसाए जे उ, भइए से उ वण्णओ। गंधओ फासओ चेव, भइए संठाणओ वि य ॥ ३२ ॥ रसओ अंबिले जे उ, भइए से उ