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अ० १८ रायहयमियमुणिदसणं] सुत्तागमे
१००५ अप्पडिपूयए थद्धे, पावसमणे त्ति वुच्चई ॥ ५॥ सम्मइमाणे पाणाणि, बीयाणि हरियाणि य । असंजए संजयमन्नमाणे, पावसमणे त्ति वुच्चई ॥ ६ ॥ संथारं फलगं पीढं, निसेजं पायकवलं । अपमजियमारुहई, पावसमणे त्ति बुच्चई ॥ ७ ॥ दवदवस चरई, पमत्ते य अभिक्खणं । उल्लंघणे य चंडे य, पावसमणे त्ति वुच्चई ॥ ८ ॥ पडिलेहेइ पमत्ते, अवउज्झइ पायकंवलं । पडिलेहा अणाउत्ते, पावसमणे त्ति बुचई ॥ ९ ॥ पडिलेहेइ पमत्ते, से किंचि हु निसामिया। गुरुपरिभावए निचं, पावसमणे त्ति वुच्चई ॥ १० ॥ बहुमाई पमुहरी, थद्धे लुद्धे अणिग्गहे । असंविभागी अवियत्ते, पावसमणे त्ति वुच्चई ॥ ११ ॥ विवादं च उदीरेइ, अहम्मे अत्तपन्नहा । बुग्गहे कलहे रत्ते, पावसमणे त्ति बुच्चई ॥ १२॥ अथिरासणे कुकुइए, जत्थ तत्थ निसीयई। आसणम्मि अणाउत्ते, पावसमणे त्ति बुच्चई ॥ १३ ॥ ससरक्खपाए सुबई, सेजं न पडिलेहई । संथारए अणाउत्ते, पावसमणे त्ति बुच्चई ॥ १४ ॥ दुद्धदही विगईओ, आहारेइ अभिक्खणं । अरए य तबोकम्मे, पावसमणे त्ति वुच्चई ॥ १५ ॥ अत्तम्मि य सूरम्मि, आहारेइ अभिक्खणं । चोइओ पडिचोएइ, पावसमणे त्ति वुच्चई ॥ १६॥ आयरियपरिच्चाई, परपासंडसेवए । गाणंगणिए दुब्भूए, पावसमणे त्ति बुम्बई ॥१७॥ सयं गेहं परिच्चज, परगेहंसि वावरे । निमित्तेण य ववहरई, पावसमणे त्ति बुबई ॥ १८ ॥ सन्नाइपिंडं जेमेइ, नेच्छइ सामुदाणियं । गिहिनिसेजं च वाहेइ, पावसमणे त्ति बुच्चई ॥ १९ ॥ एयारिसे पंचकुसीलसंवुडे, रूबंधरे मुणिपवराण हेहिमे । अयंसि लोए विसमेव गरहिए, न से इहं नेव परत्थ लोए ॥ २० ॥ जे बजए एए सया र दोसे, से मुव्वए होइ मुणीण मज्झे । अयंसि लोए अमयं व पूढए, आराहए लोगमिणं तहा परं ॥ २१ ॥ ति-बेमि ॥ इति पावसमणिशं णाम सत्तरसममज्झयणं समत्तं ॥ १७ ॥
अह संजइजणामं अट्ठारसममज्झयणं
कंपिल्ले नयरे राया, उदिण्णबलवाहणे । नामेणं संजए नाम, मिगव्वं उणिगए ॥ १ ॥ हयाणीए गयाणीए, रहाणीए नहेब य । पायत्ताणीए महया, गया परिवारिए ॥ २॥ मिए छुहित्ता हयगओ, कंपिहजाणकेगरे। भीए संने मिए नत्य, बहेद रसमुच्छिए ॥ ३ ॥ अह कंगम्मि उजाणे, अणगारे नवोधणे । गायज्झाणसंजुत्ते, धम्मसाणं झियायद॥४॥ अ.फोवमंडमि, आयद विभाग। तस्सागए मिगे पासं, वहेइ से नराहिये ॥ ॥ अह आसगओ राया, सिमागम्म