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सुत्तागमे
[उत्तरज्झयणसुत्तं (३) चरंतं विरयं लूह, सीयं फुसइ एगया। नाइवेलं मुणी गच्छे, सोचाणं जिणसासणं ॥ ६ ॥ न मे निवारणं अत्थि, छवित्ताणं न विजई । अहं तु अग्गि सेवामि, इइ भिक्खू न चिंतए ॥ ७ ॥ (४) उसिणं परियावेणं, परिदाहेण तजिए। प्रिंसु वा परियावेणं, सायं नो परिदेवए ॥ ८॥ उण्हाहितत्तो मेहावी, सिणाणं नो वि पत्थए । गायं नो परिसिंचेजा, न वीएजा य अप्पयं ॥ ९ ॥ (५) पुट्ठो य दंसमसएहिं, समरे व महामुणी। नागो संगामसीसे वा, सूरो अभिहणे परं ॥१०॥ न संतसे न वारेजा, मणं पि न पओसए । उवेहे न हणे पाणे, भुंजते मंससोणियं ॥ ११॥ (६) परिजुण्णेहिं वत्थेहिं, होक्खामि त्ति अचेलए । अदुवा सचेले होक्खामि, इइ भिक्खू न चिंतए ॥ १२॥ एगयाऽचेलए होइ, सचेले आवि एगया। एयं धम्मं हियं नचा, नाणी नो परिदेवए ॥ १३ ॥ (७) गामाणुगामं रीयंतं, अणगारं अकिंचणं । अरई अणुप्पवेसेज्जा, तं तितिक्खे परीसहं ॥ १४ ॥ अरई पिट्ठओ 'किच्चा, विरए आयरक्खिए । धम्मारामे निरारम्भे, उवसंते मुणी चरे ॥ १५॥ (८) संगो एस मणूसाणं, जाओ लोगम्मि इथिओ । जस्स एया परिनाया, सुकडं तस्स सामण्णं ॥ १६ ॥ एवमादाय मेहावी, पंकभूया उ इथिओ। नो ताहिं विणिहन्नेजा, चरेजऽत्तगवेसए ॥ १७ ॥ (९) एग एव चरे लाढे, अभिभूय परीसहे। गामे वा नगरे वावि, निगमे वा रायहाणिए ॥ १८ ॥ असमाणे चरे भिक्खू, नेव कुजा परिग्गहं । असंसत्तो गिहत्थेहिं, अणिएओ परिव्वए ॥ १९ ॥ (१०) सुसाणे सुन्नगारे वा, रुक्खमूले व एगओ। अकुक्कुओ निसीएजा, न य वित्तासए परं ॥ २०॥ तत्थ से चिट्ठमाणस्स, उवसग्गाभिधारए । संकाभीओ न गच्छेज्जा, उद्वित्ता अन्नमासणं ॥ २१॥ (११) उच्चावयाहिं सेजाहिं, तवस्सी भिक्खू थामवं । नाइवेलं विहन्निज्जा, पावदिट्ठी विहन्नई ॥ २२ ॥ पइरिकवस्सयं लर्छ, कल्लाणमदुव पावयं । किमेगराइं करिस्सइ, एवं तत्थऽहियासए ॥ २३ ॥ (१२) अक्कोसेजा परे भिक्खु, न तेसिं पडिसंजले । सरिसो होइ वालाणं, तम्हा भिक्खू न संजले ॥ २४ ॥ सोचाणं फरुसा भासा, दारुणा गामकंटगा। तुसिणीओ उवेहेजा, न ताओ मणसीकरे ॥ २५ ॥ (१३) हओ न संजले भिक्खू, मणं पि न पओसए। तितिक्खं परमं नच्चा, भिक्खू धम्मं विचिंतए ॥ २६ ॥ समणं संजयं दंतं, हणिज्जा कोइ कत्थई । नत्थि जीवस्स नासुत्ति, एवं पेहेज संजए ॥ २७ ॥ (१४) दुक्करं खलु भो निच्चं, अणगारस्स भिक्खुणो। सव्वं से जाइयं होइ, नत्थि किंचि अजाइयं ॥ २८ ॥ गोयरग्गपविठ्ठस्स, पाणी नो सुप्पसारए। सेओ अगारवासुत्ति, इइ भिक्खू न चिंतए ॥ २९ ॥ (१५) परेसु घासमेसेज्जा, भोयणे परिणिट्ठिए। लद्धे पिंडे अलद्धे