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सुत्तागमे
[दसासुयक्खंधो
वा ईसिं दोवि पाए साहठ वग्घारियपाणिस्स ठाणं ठाइत्तए, सेसं तं चेव जाव अणुपालित्ता भवइ ॥ ११ ॥ १८३ ॥ एगराइयं णं भिक्खुपडिमं पडिवनस्स अणगारस्स निच्चं वोसठ्ठकाए णं जाव अहियासेइ, कप्पइ से [f] अट्ठमेणं भत्तेणं अपाणएणं बहिया गामस्स वा जाव रायहाणीए वा ईसिं पब्भारगएणं काएणं एगपोग्गल[ठिती]गयाए दिट्ठीए अणिमिसनयणे अहापणिहिएहिं गाएहिं सबिदिएहिं गुत्तेहिं दोवि पाए साहह वग्घारियपाणिस्स ठाणं ठाइत्तए, तत्थ से दिव्या माणुस्सा तिरिक्खजोणिया जाव अहियासेइ, से णं तत्थ उच्चारपासवणं उब्बाहिजा नो से कप्पइ उच्चारपासवणं उगिण्हित्तए, कप्पइ से पुव्वपडिलेहियंसि थंडिलंसि उच्चारपासवर्ण परिठवित्तए, अहाविहिमेव ठाणं ठाइत्तए ॥ १८४ ॥ एगराइयं णं भिक्खुपडिमं अणणुपालेमाणस्स अणगारस्स इमे तओ ठाणा अहियाए असुभाए अक्खमाए अणिस्सेसाए अणाणुगामियत्ताए भवंति, तंजहा-उम्मायं वा ल[भेजा, दीहकालियं वा रोगायक पाउणेज्जा, केवलिपण्णत्ताओ धम्माओ भ[सि] सेज्जा ॥१८५ ॥ एगराइयं णं भिक्खुपडिमं सम्म अणुपालेमाणस्स अणगारस्स इमे तओ ठाणा हियाए सुहाए खमाए निस्सेसाए अणुगामियत्ताए भवंति, तंजहा-ओहिनाणे वा से समुप्पज्जेजा, मणपज्जवनाणे वा से समुप्पज्जेज्जा, केवलनाणे वा से असमुप्पन्नपुव्वे समुप्पजेजा, एवं खलु एसा एगराइया भिक्खुपडिमा अहासुत्तं अहाकप्पं अहामग्गं अहातचं सम्मं काएण फासित्ता पालित्ता सोहित्ता तीरित्ता किट्टित्ता आराहित्ता आणाए अणुपालित्ता यावि भवइ ॥ १८६ ॥ एयाओ खलु ताओ थेरेहिं भगवंतेहिं बारस भिक्खुपडिमाओ पण्णत्ताओ ॥ १८७ ॥ त्ति-बेमि ॥ इति भिक्खुपडिमा णामं सत्तमा दसा समत्ता ॥७॥
अट्ठमा दसा तेणं कालेणं तेणं समएणं समणे भगवं महावीरे पंचहत्युत्तरे यावि होत्था, तंजहा-हत्थुत्तराहिं चुए चइत्ता गम्भं वकंते १ हत्युत्तराहिं गब्भाओ गन्भं साहरिए २ हत्युत्तराहिं जाए ३ हत्युत्तराहिं मुंडे भवित्ता आगाराओ अणगारियं पव्वइए ४ हत्युत्तराहिं अणंते अणुत्तरे नि(अ)व्वाघाए निरावरणे कसिणे पडिपुण्णे केवलवरनाणदसणे समुप्पण्णे ५ साइणा परिणिव्वुए भगवं जाव भुजो २ उवदंसेइ ॥ १८८ ॥ त्ति-बेमि ॥ इति पज्जोस(णं)णा णामं अट्ठमा दसा समत्ता ॥ ८॥
नवमा दसा तेणं कालेणं तेणं समएणं चंपा ना[म]मं नयरी होत्था, वण्णओ। पुण्णभद्दे नाम उजाणे, वण्णओ । कोणियराया, धारिणी देवी, सामी समोसढे, परिसा निग्गया, धम्मो