________________
वि० ५० स० ३० उ० २] सुत्तागमे तिसुवि समोसरणेसु भयणाए, सुक्कपक्खिया चउसुवि समोसरणेसु भवसिद्धिया नो अभवसिद्धिया, सम्मट्टिी जहा अलेस्सा, मिच्छादिट्ठी जहा कण्हपक्खिया, सम्मामिच्छादिट्ठी दोसुवि समोसरणेसु जहा अलेस्सा, नाणी जाव केवलनाणी भवसिद्धिया नो अभवसिद्धिया, अन्नाणी जाव विभंगनाणी जहा कण्हपक्खिया, सन्नासु चउसुवि जहा सलेस्सा, नोसन्नोवउत्ता जहा सम्मट्ठिी, सवेदगा जाव नपुंसगवेदगा जहा सलेस्सा, अवेदगा जहा सम्मट्ठिी, सकसाई जाव लोभकसाई जहा सलेस्सा, अकसाई जहा सम्मट्टिी, सजोगी जाव कायजोगी जहा सलेस्सा, अजोगी जहा सम्मदिट्टी, सागारोवउत्ता अणागारोवउत्ता जहा सलेस्सा, एवं नेरइयावि भाणियव्वा नवरं नायव्वं जं अस्थि, एवं असुरकुमारावि जाव थणियकुमारा, पुढविकाइया सव्वट्ठाणेसुवि मज्झिल्लेसु दोसुवि समोसरणेसु भवसिद्धियावि अभवसिद्धियावि एवं जाव वणस्सइकाइया, बेइंदियतेइंदियचउरिंदिया एवं चेव नवरं सम्मत्ते ओहिनाणे आभिणिबोहियनाणे सुयनाणे एएसु चेव दोसु मज्झिमेसु समोसरणेसु भवसिद्धिया नो अभवसिद्धिया, सेसं तं चेव, पंचिंदियतिरिक्खजोणिया जहा नेरइया नवरं नायव्वं जं अस्थि, मणुस्सा जहा ओहिया जीवा, वाणमंतरजोइसियवेमाणिया जहा असुरकुमारा । सेवं भंते ! २ त्ति ॥ ८२४ ॥ तीसइमस्स सयस्स पढो उद्देसो समत्तो॥
अणंतरोववनगाणं भंते ! नेरइया किं किरियावाई० पुच्छा, गोयमा ! किरियावाईवि जाव वेणइयवाईवि, सलेस्सा णं भंते ! अगंतरोववन्नगा नेरइया कि किरियावाई० एवं चेव, एवं जहेव पढमुद्देसे नेरइयाणं वत्तव्वया तहेव इहवि भाणियव्वा, नवरं जं जस्स अस्थि अणंतरोववन्नगाणं नेरइयाणं तं तस्स भाणियव्वं, एवं सव्वजीवाणं जाव वेमाणियाणं, नवरं अणंतरोववन्नगाणं जं जहिं अत्थि तं तहिं भाणियव्वं । किरियावाई णं भंते ! अणंतरोववन्नगा नेरइया किं नेरइयाउयं पकरेन्ति० पुच्छा, गोयमा ! नो नेरइयाउयं पकरेंति नो तिरि० नो मणु० नो देवाउयं पकरेन्ति, एवं अकिरियावाईवि अन्नाणियवाईवि वेणइयवाईवि । सलेस्सा णं भंते ! किरियावाई अणंतरोववन्नगा नेरइया किं नेरइयाउयं० पुच्छा, गोयमा! नो नेरइयाउयं पकरेन्ति जाव नो देवाउयं पकरेन्ति, एवं जाव वेमाणिया, एवं सव्वट्ठाणेसुवि अणंतरोववन्नगा नेरइया न किचिवि आउयं पकरेन्ति जाव अणागारोवउत्तत्ति, एवं जाव वेमाणिया नवरं जं जस्स अत्थि तं तस्स भाणियव्वं । किरियावाई णं भंते ! अणंतरोववन्नगा नेरइया. कि भवसिद्धिया अभवसिद्धिया ? गोयमा ! भवसिद्धिया नो अभवसिद्धिया । अकिरियावाईणं पुच्छा, गोयमा! भवसिद्धियाकि