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सुत्तागमे
[भगवई अत्थि जहन्नेणं एको वा दो वा तिन्नि वा उनोसेणं वावडं सयं, अट्ठसय खवगाणं चउप्पन्न उव(स)सामगाणं, पुव्वपडिवन्नए पडुच्च सिय अत्यि सिय नत्यि, जइ अत्यि नहन्नेणं एको वा दो वा तिन्नि वा उक्कोसेणं सयपुहुत्तं । सिणायाणं पुच्छा, गोयमा! पडिवजमाणए पडुच्च सिय अत्यि सिय नत्थि, जइ अत्यि जहन्नेणं एको वा दो वा तिन्नि वा उक्कोसेणं अट्ठसयं, पुव्वपडिवन्नए पडुच जहन्नेणं कोडिपुहुत्तं उक्कोसेणवि कोडिपुहुत्तं ॥ एएसि णं भंते ! पुलागवउसपडिसेवणाकुसीलकसायकुसीलनियंटसिणायाणं कयरे २ जाव विसेसाहिया वा ? गोयमा ! सव्वत्थोवा नियंठा, पुलागा संखेनगुणा, सिणाया संखेजगुणा, वउसा संखेज्जगुणा, पडिसेवणाकुसीला संखेनगुणा, कसायकुसीला संखेनगुणा । सेवं भंते ! सेवं भंते ! त्ति जाव विहरइ ॥ ७८४ ॥ पणवीसइमस्स सयस्स छहो उद्देसो समत्तो॥
कइ णं भंते ! संजया प० ? गोयमा ! पंच संजया प०, तं०-सामाइयसंजए छेओवट्ठावणियसंजए परिहारविसुद्धियसंजए सुहुमसंपरायसंजए अहक्खायसंजए, सामाइयसंजए णं भंते ! कइविहे पन्नत्ते ? गोयमा ! दुविहे पन्नत्ते, तंजहा-इत्तरिए य आवकहिए य, छेओवट्ठावणियसंजए णं पुच्छा, गोयमा ! दुविहे प०, तं०साइयारे य निरइयारे य, परिहारविसुद्धियसंजए पुच्छा, गोयमा ! दुविहे प०, तं०-णिव्विसमाणए य निविठ्ठकाइए य, सुहुमसंपराय० पुच्छा, गोयमा ! दुविहे प०, तं०-संकिलिस्समाणए य विसुद्धमाणए य, अहक्खायसंजए पुच्छा, गोयमा! दुविहे प०, तं०-छउमत्थे य केवली य ॥ गाहाओ-सामाइयंमि उकए चाउज्जामं अणुत्तरं धम्मं । तिविहेण फासयंतो सामाइयसंजओ स खलु ॥ १ ॥ छेतण उ परियागं पोराणं जो ठवेइ अप्पाणं । धम्ममि पंचजामे छेदोवठ्ठावणो स खलु ॥ २॥ परिहरइ जो विसुद्धं तु पंचजामं अणुत्तरं धम्मं । तिविहेण फासयंतो परिहारियसंजओ स खलु ॥ ३ ॥ लोभाणु वेययंतो जो खलु उवसामओ व खवओ वा । सो सुहुमसंपराओ अहखाया ऊणओ किचि ॥ ४ ॥ उवसंते खीणमि व जो खलु कम्ममि मोहणिजमि । छउमत्थो व जिणो वा अहखाओ संजओ स खलु ॥ ५॥ ७८५ ॥ सामाइयसंजए णं भंते ! कि सवेदए होजा अवेदए होजा ? गोयमा ! सवेदए वा होजा अवेदए वा होजा, जइ सवेदए होजा० एवं जहा कसायकुसीले तहेव निरवसेसं, एवं छेदोवट्ठावणियसंजएवि, परिहारविसुद्धियसंजओ जहा पुलाओ, सुहुमसंपरायसंजओ अहक्खायसंजओ य जहा नियंठो २ । सामाइयसंजए णं भंते ! कि सरागे होजा वीयरागे होज्जा ? गोयमा ! सरागे होजा नो वीयरागे होजा, एवं जाव सहुमसंपरायसंजए, अहक्खायसंजए जहा नियंठे ३ ॥ सामाइयसंजए णं भंते ! किं.