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वि० ५० स० ९ उ० ३४] सुत्तागमे पडिणीया आयरियउवज्झायाणं अयसकरा अवन्नकरा अकित्तिकरा वहूहि अस
भानुभावणाहिं मिच्छत्ताभिनिवेसेहि य अप्पाणं च ३ बुग्गाहेमाणा चुप्पाएमाणा बहुई वासाइं सामनपरियागं पाउणंति २ त्ता तस्स ठाणस्स अणालोइयपडिकंता कालमासे कालं किच्चा अन्नयरेसु देवकिदिवसिएसु देवकिन्विसियत्ताए उववत्तारो भवंति, तंजहा-तिपलिओवमट्ठिइएसु वा तिसागरोवमट्ठिइएसु वा तेरससागरोवमट्टिइएसु वा । देवकिन्विसिया णं भंते ! ताओ देवलोगाओ आउक्खएणं भवक्खएणं ठिइक्खएणं अणंतरं चयं चइत्ता कहिं गच्छंति कहिं उववनंति ? गोयमा ! जाव चत्तारि पंच नेरइयतिरिक्खजोणियमणुस्सदेवभवग्गहणाई संसारं अणुपरियट्टित्ता तओ पच्छा सियति बुझंति जाव अंतं करेंति, अत्थेगइया अणाइयं अणवदग्गं दीहमद्धं चाउरंतसंसारकंतारं अणुपरियटृति ॥ जमाली गं भंते ! अणगारे अरसाहारे विरसाहारे अंताहारे पंताहारे लहाहारे तुच्छाहारे अरसजीवी विरसजीवी जाव तुच्छजीवी उवसंतजीवी पसंतजीवी विवित्तजीवी ? हंता गोयमा ! जमाली णं अणगारे अरसाहारे विरसाहारे जाव विवित्तजीवी । जइ णं भंते ! जमाली अणगारे अरसाहारे विरसाहारे जाव विवित्तजीवी कम्हा णं भंते ! जमाली अणगारे कालमासे कालं किच्चा लंतए कप्पे तेरससागरोवमट्टिइएसु देवकिग्विसिएसु देवेसु देवकिव्विसियत्ताए उववन्ने ? गोयमा ! जमाली णं अणगारे आयरियपडिणीए उवज्झायपडिणीए आयरियउवज्झायाणं अयसकारए जाव वुप्पाएमाणे वहूई वासाइं सामन्नपारयागं पाउणित्ता अद्धमासियाए संलेहणाए तीसं भत्ताई अणसणाए छेदेइ तीसं० २ त्ता तस्स ठाणस्स अणालोइयपडिनंते कालमासे कालं किच्चा लंतए कप्पे जाव उपवने ॥ ३८८ ॥ जमाली णं भंते ! देवे ताओ देवलोयाओ आउक्खएणं जाव काह उववजिहिइ ? गोयमा! चत्तारि पंच तिरिक्खजोणियमणुस्सदेवभवग्गहणाई ससार अणुपरियट्टित्ता तो पच्छा 'सिज्झिहिइ जाव अंतं काहिइ । सेवं भंते !
त॥३८९॥ जमाली समत्तो॥ नवमसए ३३ इमो उद्देसो समत्तो॥
तण कालेणं तेणं समएणं रायगिहे जाव एवं वयासी-पुरिसे णं भंते ! पुरिसं हणमाण कि पुरिसं हणइ नोपुरिसं हणइ ? गोयमा ! पुरिसंपि हणइ नोपुरि (सेवि)संपि हणई, से केणटेणं भंते ! एवं वुच्चइ पुरिसंपि हणइ नोपुरिसंपि हणइ ? गोयमा ! तस्स णं एवं भवइ एवं खलु अहं एगं पुरिसं हणामि से णं एगं पुरिसं हणमाणे अणे.
जाचा हणइ, से तेणट्रेणं गोयमा! एवं वच्चइ पुरिसंपि हणइ नोपुरिसंपि हणइ । पारस णं भंते ! आसं हणमाणे किं आसं हणइ नोआसे हणइ ? गोयमा । आसंपि हणइ नोआसेवि हणइ, से केणटेणं अट्ठो तहेव, एवं हत्थिं सीहं वग्धं जाव चिल्ल