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सुत्तागमे
[ठाणे विमाणपत्यडे, उवरिममज्झिमगेविजविमाणपत्यडे, उवरिमउवरिमगेविजविमाणपत्थडे ॥ २९१ ॥ जीवाणं तिठाणणिव्वत्तिए पोग्गले पावकम्मत्ताए चिणिंसु वा चिणंति वा चिणिस्संति वा तंजहा-इस्थिणिव्वत्तिए, पुरिसणिव्वत्तिए, णपुंसगणिव्वत्तिए, एवं चिणउवचिणबंधउदीरवेय तह णिज्जरा चेव ॥ २९२ ॥ तिपएसिया खंधा अणंता पण्णत्ता, एवं जाव तिगुणलुक्खा पोग्गला अगंता पन्नत्ता ॥ २९३ ॥ तिठ्ठाणं समत्तं ॥
चउत्थठाणं चत्तारि अंतकिरियाओ प० तं० तत्य खलु इमा पढमा अंतकिरिया, अप्पकम्मपञ्चायाए यावि भवइ, से णं मुंडे भवित्ता अगाराओ अणगारिअं पव्वइए, संजमवहुले संवरबहुले समाहिबहुले लूहे तीरठ्ठी उवहाणवं दुक्खक्खवे तवस्सी तस्सणं णो तहप्पगारे तवे भवइ णो तहप्पगारा वेयणा भवइ, तहप्पगारे पुरिसजाए दीहेणं परियाएगं सिज्झइ, बुज्झइ मुच्चइ परिणिव्वाइ सव्वदुक्खाणमंतं करेइ, जहा से भरहे राया चाउरंतचक्कवट्टी पढमा अंतकिरिया, अहावरा दोचा अंत. किरिया, महाकम्मपञ्चायाए यावि भवइ से णं मुंडे भवित्ता अगाराओ अणगारिअं पव्वइए, संजमबहुले संवरबहुले....''जाव उवहाणवं दुक्खक्खवे तवस्सी तस्स ण तहप्पगारे तवे भवइ, तहप्पगारा वेयणा भवइ तहप्पगारे पुरिसजाए निरुद्धण परियाएणं सिज्झइ० जाव अंतं करेइ जहा से गजसमाले अणगारे, दोचा अंतकिरिया, अहावरा तच्चा अंतकिरिया, महाकम्मपच्चायाएयावि भवइ, से ण मुड भवित्ता अगाराओ अणगारियं पव्वइए जहा दोच्चा, णवरं दीहेणं परियाएण सिज्झइ जाव सव्वदुक्खाणमंतं करेइ, जहा से सणंकुमारे राया चाउरंतचकवधा तच्चा अंतकिरिया, अहावरा चउत्था अंतकिरिया. अप्पकम्मपञ्चायाएयाव भवइ, से णं मुंडे भवित्ता जाव पव्वइए संजमबहुले जाव तस्स णं णो तहप्पगार तव भवइ नो तहप्पगारा वेयणा भवइ तहप्पगारे पुरिसजाए निरुद्धणं परियाएण सिज्झइ जाव सव्वदुक्खाणमंतं करेइ जहा सा मरुदेवा भगवई, चउत्था अतः किरिया ॥ २९४ ॥ चत्तारि रुक्खा प० तं० उन्नए णाममेगे उन्नए, उन्नए णाममग पणए, पणए णाममेगे उन्नए, पणए णाममेगे पणए, एवामेव चत्तारि पुरिसजाया प० तं० उन्नए णाममेगे उन्नए, तहेव जाव पणए णाममेगे पणए । चत्तारि रुक्ला प० तं० उन्नए णाममेगे उन्नयपरिणए, उन्नए णाममेगे पणयपरिणए, पणए नाममेगे उन्नयपरिणए, पणए णाममेगे पणयपरिणए । एवामेव चत्तारि पुरिसजाया प० तं० उन्नए णाममेगे उन्नयपरिणए, चउभंगो। चत्तारि रुक्खा प० तं० उन्नए