________________
श्रेणिक बिम्बसार "यदि मुझे इस प्रकार अपनी योग्यता दिखलाने का अवसर मिलेगा तो मै इसमे अपना सौभाग्य समझू गा।"
सम्राट-अच्छा यदि तुम्हारी भी यही इच्छा है तो यहा से एक अक्षौहिणी सेना लेकर एक सप्ताह के अन्दर-अन्दर यात्रा प्रारभ कर दो।
इस घटना के एक सप्ताह बाद जम्बूकुमार ने मगध सेना को लेकर दक्षिण की यात्रा प्रारभ कर दी। जम्बूकुमार ने दक्षिण मे जाकर अत्यन्त वीरतापूर्वक शत्रु-सेना का सहार किया। उन्होंने अपने हाथ से आठ सहस्र योद्धाओ का सहार किया। मगध की इस विजय से सम्राट् श्रेणिक बिम्बसार की कीर्ति उस प्रदेश में भी बहुत अधिक बढी। राजा मृगाक ने तो इससे अपने ऊपर इतना अधिक उपकार माना कि उन्होने अपनी पुत्री बिलासवती का राजा श्रेणिक के साथ वाग्दान कर उनको अनेक प्रकार की वस्तुएँ भेट मे भेजी।