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________________ आपाप अधोमुख येन अघ, कंपरोग दुखधाम । कलिल कल्लुष किल्विष दुरित, अशुभ कर्मके नाम || || अर्थ-पाप, अधोमुख, येन, अघ, कंपरोग, दुखधाम, कलिल, कलुष, किल्विष, दुरित, ये अशुभ कर्मके नाम जानने ॥ ४१ ॥ मोक्षके नाम ॥ दोहा ।। सिद्धक्षेत्र त्रिभुवन मुकुट, शिव मुक्त अविचलथान।मोक्ष मुक्ति वैकुंठ सिव, पंचम गति निरवान - अर्थ-सिद्धक्षेत्र, त्रिभुवन मुकुट, शिव, मुक्त, अविचल स्थान, मोक्ष, मुक्ति, वैकुंठ, शिंव, पंचम गति, निर्वाण, ॥ ४२ ॥ बुद्धीके नाम ॥ दोहा ।प्रज्ञा धिषना सेमुषी, धी मेधा मति बुद्धि । सुरति मनीषा चेतना, आशय अंश विशुद्धि ॥ १३ ॥ अर्थ-प्रज्ञा, धिषणा, सेमुषी, धी, मेधा, मति, बुद्धि, सुरति, मनीपा, चेतना, आशय, अंश, विशुद्धि ।। ४३ ॥ विचक्षण पुरुषके नाम ॥ दोहा ।।'निपुण विचक्षण विबुध बुध, विद्याधर विद्वान् । पटु प्रवीण पंडित चतुर, सुधी सुजन मतिमान् ४४ 5 . अर्थ-निपुण, विचक्षण, विबुध, बुद्ध, विद्याधर, विद्वान्, पटु, प्रवीण, पंडित, चतुर, सुधी, सुजन, मतिमान, ॥ ४४ ॥ दोहा - कलावंत कोविद कुशल, सुमन. दक्ष धीमंत । ज्ञाता सज्जन ब्रह्मविद, तज्ञ गुणी जन संत॥४५॥ | अर्थ-कलावंत; कोविद, कुशल, सुमन, दक्ष, धीमंत, ज्ञाता, सज्जन, ब्रह्मवित्, तज्ञ, गुणी जन, संत, ॥ ४५ ॥ 'मुनीश्वरके नाम ॥ दोहा ।मुनी महंत तापस तपी, भिक्षुक चारित धाम । जती तपोधन संयमी, व्रती साधु रिष नाम॥४६॥ KORIPARASOLES PRESEDA SELGASSREIRESSOS
SR No.010586
Book TitleSamaysar Natak
Original Sutra AuthorN/A
AuthorBanarsidas Pandit, Nana Ramchandra
PublisherBanarsidas Pandit
Publication Year
Total Pages548
LanguageHindi, Sanskrit
ClassificationBook_Devnagari
File Size30 MB
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