________________
[ २ ]
चित रह कर धर्मविहीन काल विताने लगे। वैदिक साहित्य में पहलों को आर्य अर्थात् सुर, श्रेष्ठ और ज्ञान वाले पुरुष माना है, और दूसरे लोगों को “दस्यु" अर्थात् असुर माना है । और जिस देश में आर्य लोग बसे उसे आर्यावर्त कहा। और ये ही लोग यौरप में भी फैल। श्राजकल भी जर्मन जिसका कि वास्तविक नाम संस्कृत में शर्मन है अपने को श्रार्य मानते हैं । प्राचीन समय में इस आर्यावर्त में एक बहुत प्रतापी चक्रवर्ती राजा "भारत" के नाम से हुआ, और इनके नाम पर ही यही श्रावर्त देश आगे चलकर "भारतवर्ष" कहलाया ।
आर्यावर्त के मैदानों के नीचे विन्ध्याचल पहाड़ है । प्राचीन काल में इसके दक्षिण में जैसा कि रामायण से जो इस देश का एक पुराना ऐतिहासिक ग्रन्थ है, पाया जाता है कि एक दूसरी जाति के लोग जिनको आजकल " द्राविड़ियन" कहते हैं, बसते थे, जब श्रार्य लोग आगे बढ़े, तो वे इनसे मिल जुल गये और इस प्रकार यह सारा देश हिमालय से लेकर कन्या कुमारी तक आर्यावर्त अथवा भारतवर्ष कहलाने लगा । और यहां रहने वाले आर्य । इसलिये यही आर्य शब्द इस देश वासियों का असली नाम है ।
जब यूनानियों ने ई० सन के ३२५ वर्ष पूर्व इस देश पर आक्रमण किया । उस समय उन्होंने अपनी भाषा की नामकरण पद्धति के अनुसार सिन्ध नदी के नाम के प्रथम अक्षर सकार को अंत में लगा कर सिंधु का नाम इंडस ( Indus ) और देश का नाम इण्डिया ( India ) लिखा ।
जब तुर्कों ने लगभग एक हजार वर्ष पश्चात् इस देश पर