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________________ * - --- --* wwvvvvvvvvvvvv ... बृहज्जैनवाणीसंग्रह ३५ नाथजीकी १५ धनुष, २२ नेमिनाथजीकी १०, धनुष २३ ॥ पार्श्वनाथजीकी ९ हाथ और २४ महावीरजीकी ७ हाथ । शरीर-की ऊँचाई है। १३८-तीर्थंकरोंकी जन्मतिथि । ऋषभदेवजीकी जन्मतिथि चैतवदि ९, अजितनाथजीकी माघसुदी १०, संभवनाथजीकी कार्तिकसुदी १५, अभिनदनजीकी माघसुदी १२, सुमतिनाथजीकी चैतसुदी ११, [उ. ॥ श्रावणसुदी ११ (ह० ) , पद्मप्रभुजीकी कार्तिकसुदी १३ ॥ क पार्श्वनाथजीकी जेठसुदी १२, चंद्रप्रभुजीकी पौषवदी ११ ॥ * पुष्पदन्तजी मगसिरसुदी १, शीतलनाथजीकी माधवदी १० १ श्रेयांसनाथजीकी फागुनवदी ११, वासुपूज्यजीकी फागुन । सुदी १४, विमलनाथजीकी माघसुदी १, अनंतनाथजीकी । जेठवदी १२, धर्मनाथजीकी माह सुदी १३, शांतिनाथजी की जेठनदी १४, कुंथुनाथजीकी वैसाख सुदी १, अरहनाथ । *जीकी मगसिरसुदी १४, मल्लिनाथजीकी मगसिरसुदी ११ मुनिसुव्रतनाथजीकी आषाढ़ सुदी १२, नमिजीकी आषाढ़ । बदी १०, नेमिनाथजीकीश्रावण बदी ६ (उ०) वैसाखसुदी १११(६०), पार्श्वनाथजीकी पौषवदी १६ और महावीरजीकी जन्म तिथि चैतसुदी १३ है। १३९-पांच महाकल्याण। १ गर्भकल्याण २ जन्मकल्याण ३ तपकल्याण ४ ज्ञान* कल्याण ५ मोक्षकल्याण ।
SR No.010576
Book TitleVruhhajain Vani Sangraha
Original Sutra AuthorN/A
AuthorAjitvirya Shastri
PublisherSharda Pustakalaya Calcutta
Publication Year1936
Total Pages410
LanguageHindi, Sanskrit
ClassificationBook_Devnagari
File Size13 MB
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