________________
. चौबी० || चंदन-गोशीर चंदन कपूर घसाय लायो। चर्चा करी चरण पास अनंद पायो ॥ श्रीनेमिनाथ तुम बाल
पूजन ... सुब्रह्मचारी । पूजू पदार युग कंज प्रमाद टारी॥ ॐ ह्रीं श्रीनेमिनाथ जिनेन्द्राय गर्भ, जन्म, संग्रह . तप, ज्ञान, निर्वाण पंचकल्याण प्राप्ताय संसारा तापरोग विनाशनाय चंदनं निर्वपामीति स्वाहा।
अक्षत-श्रीचंद जोत सम अक्षत श्वेत जो हैं । धारे जु पुंज तुम अग्र अपार सो हैं॥श्रीनेमिनाथ तुम बाल
सुब्रह्मचारी। पूजू पदार युग कंज प्रमाद टारी॥ॐ ह्रीं श्रीनेमिनाथ जिनेन्द्राय गर्भ, जन्म, तप, || ज्ञान, निर्वाण पंचकल्याण प्राप्ताय अक्षय पद प्राप्तये अक्षतान् निर्व पामीति स्वाहा। .. पुष्प-बेलाजुही सुमन प्राशुक सार लीने । सोह सुरंग भर अंजलि भेद कीने ॥ श्रीनेमिनाथ तुम वाल
सुब्रह्मचारी । पूजू पदार युग कंज प्रमाद टारी ।। ॐ ह्रीं श्रीनेमिनाथ जिनेन्द्राय गर्भ, जन्म,
तप, ज्ञान, निर्वाण पंचकल्याण प्राप्ताय कामवाण विनाशनाय पुष्पं निर्वामीति स्वाहा। || नैवेद्य-फेनी सुहाल घर मोदक सद्य ताजे। मोहे सुनैन तिस देखत भूखभाजे ॥ श्रोनेमिनाथ तुमबाल
सुब्रह्मचारी । पूजू पदार युग कंज प्रमाद टारी ॥ ॐ ह्रीं श्रीनेमिनाथ जिनेन्द्राय गर्भ, जन्न, तप
ज्ञान, निर्वाण पंचकल्याण प्राप्ताय क्षुधारोग विनाशनाय नैवेद्यं निर्वपामीति स्वाहा। दीप-बाती कपूर कर कंचन दीप माही । दीने प्रजार तुम मंदिर मांह साईं ॥ श्रीनेमिनाथ तुम बाल
सुब्रह्मचारी। पूजू पदार युग कंज प्रमाद टारी ॥ ॐ ह्रीं श्रीनेमिनाथ जिनेन्द्राय गर्भ, जन्म, :तप, ज्ञान, निर्वाण पंचकल्याण प्राप्ताय मोहांधकार विनाशनाय दीपं निर्वपामीति स्वाहा।