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चौबी० पत्ता छंद-जय ऋषभ जिनंदा आनंद कंदा, सुर गुरु बंदा जगत पती। तुमको नित ध्यावें
पूजन | भक्ति बढावें ते पावें शिव शर्म अती ॥१८॥ ॐ ह्रीं श्रीऋषभनाथ जिनेन्द्राय गर्भ, जन्म, तप ज्ञान ... संग्रह निर्वाण पंचकल्याण प्राप्ताय अनर्घ पद प्राप्तये अर्घ निर्वपामीति स्वाहा ॥ .. ..
अथ आशीर्वादः-शिखरिणी छंद-नमेहें जेप्राणी ऋषभजिनके युग्मचरना, करें पूजाभारी मिटत जग को
ताह फिरना । लहै शोभा सारी सुरनर गहे आन शरना,वरे मोक्ष नारी लहत सुख सोनाहि वरना। - इत्याशीर्वादः ॥ इति श्री वृषभनाथ जिन पूजा संपूर्णा ॥ १॥ ......
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