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उपात्तप्रमाणानि
पु. सं. पङ्क्तिसं. त्यक्त्वा देहं पुनर्जन्म (आ) गी. 4.9
.... 29320 त्यदादीनि (आ) पा. सू. 1-2-72 . . 287 10 त्रयो वेदा अजायन्त (आ)
.. 4620 त्रिगुणं तज्जगद्योनिः (स)
... 1792 विधा प्रकल्पयन् प्रज्ञा (स) यो. सू. भा. 1-48 .... त्रीणि रूपाणीत्येव सत्यं (स) छा. 6-4-1 ... बेधा विमान प्रवदन्ति (आ) शिल्पे मरीचिसंहिता___ याम् . त्वं चिन्महोदधिरणुं तव बिन्दुमेकं (स) .... त्वं हि नः पिता योऽस्माकं (स) प्र. 6-8
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ददृशुः कपिलं तत्र (स)
... 22 दना जुहोति (आ) आ. श्री. 6-25-10 दामोदरं बन्धगतः (स)
.... 2938 दारुण्यग्निर्यथा तैलं तिले (स)
... 102 दिव्यं स्थानमजरं (स) म. भा. दिव्यं स्थानमजरं चाप्रमेयं (आ) म. भा. दृश्यते तु (स) ब्र.सू. 2-1-6 दृष्टमूलं द्विविधं (आ) वरदराजीयम्
231 12 देवता वा प्रयोजयेदतिथिवत्( आ) पू.मी. सू.9-1-6 देवतियानुष्याख्या (स)
.... 1775 देवदत्तप्रमा तत्स्थप्रमा (स) चित्सुखीयम् देवमायेव निर्मिता (स) श्रीरा. बा 1-26
.... 1753 द्वन्द्वे घि (आ) पा. सू. 2-2-32
... 238 11 द्वाविमौ कण्टको तीक्ष्णौ (स)
... 119 द्वे वाव ब्रह्मणो रूपे (स) बृ. 2-3-1, मै. 6-3-15 बेकयोः (स) पा. सू. 1-4-22
.. 1935 ,, (आ) ,
.... 287 12 " " "
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