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उपात्तप्रमाणानि
एतस्माज्जायते प्राणः (आ) मु. 2-1-3, कै. 15
एतौ द्वौ विबुधश्रेष्ठ (स) म. भा. शा. 350-19.... एवं तु मन्यमाना वै (आ) स्कान्दम् एम आत्माऽन्तर्हृदये ( स ) छा. 3-14-3
एष सर्वभूतान्तरात्मा (स) सु. 7, मु. 2-1-4 एष सेतुर्विधरण एषां (आ) बृ 4-4-22, मै. 7-7...
(स)
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एष वानन्दयाति (आ) तै 2-7-1
क
कथमसतस्सज्जायेत (आ) छा. 6-2-1 कपिलो यदि सर्वशः (स) करणाधिपाधिपः (आ) श्वे. 6-9 कर्मणि च (आ) पा. सू. 2-2-14 कर्मात्मा त्वपरो योऽसौ ( स ) मो. ध. कारणं तु ध्येयः (स) कार्यायोजनधृत्यादेः (स)
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किङ्करा मम ते नित्यं (स) भगवदुक्तिः किमात्मको भगवान् (स) किमात्मकैवैषा भगवतो व्यक्तिः (स) कुतस्तु खलु सौम्यैवं स्यात् (स) छा. 6-2-2 क्रान्त्वा निगीर्य पुनरुद्भिरति (स) स्तो र. 14 श्लो. क्रियावद्गुणवत्समवायिकारणम् (स) वै. सू. 1-1-15
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क्षरं त्वविद्या ह्यमृतं तु विद्या (स) श्वे. 5-1
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क्षरं प्रधानं (स) श्वे. 1-10
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क्षयं तमस्य रजसः पराके (स) तै. सं. 2 का. 2 प्र. 273 क्षोभयामास संप्राप्ते (स)
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खादिरो यूपो भवति (आ)
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पु. पङ्क्ति सं.
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