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________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir विषयसूची mr""3r ३३२ विषय मूल पृष्ठ हिन्दी । विषय मूल पृष्ठ हिन्दी मंगलाचरण ३२९ । क्षयोपशमनिमित्तक अवधिमोक्षके स्वरूप में विवाद ३२९ ज्ञानका स्वरूप और भेद ७१-७२ ३५६ मोक्षप्राप्तिके उपायमें विवाद __ ३३० । मनःपर्यय ज्ञानके भेद और मोक्षमार्गका वर्णन स्वरूप ७२-७३ ७२-७३ ३५६ सम्यग्दर्शनका स्वरूप ३३० ऋजुमति और विपुलमतिसम्यग्दर्शनके भेद ३३१ | मनःपर्ययज्ञानोंमें विशेषता ७३ जीवादि सात तत्त्वोंका वर्णन अवधि और मन:पर्ययचार निक्षेपोंका वर्णन ज्ञानमें विशेषता ७३-७४ ।। ३५७ प्रमाण और नयका वर्णन मनःपर्ययज्ञान किन किन निर्देश आदिका स्वरूप जीवोंके होता है ७४ ३५७ चौदह मार्गणाओंकी अपेक्षा मति आदि ज्ञानोंका विषय ७४-७५ सम्यग्दर्शनका वर्णन एक जीवके एक साथ कितने सम्यग्दर्शनके साधन, अधि ज्ञान हो सकते हैं ७५ ३५८ करण, स्थिति और विधान कुमति आदि तीन मिथ्याका वर्णन ज्ञानोंका वर्णन सम्यग्दर्शनके आज्ञा आदि ७५-७६ ३५८ मति आदि तीन ज्ञान मिथ्या दश भेदोंका स्वरूप क्यों होते हैं सत्, संख्या आदिका स्वरूप १४ नैगम आदि सात नय ७७-८० ३६०-६२ सत्प्ररूपणाका वर्णन १५-१७ द्वितीय अध्याय संख्याप्ररूपणाका वर्णन १५-२३ जीवके पांच असाधारण भाव। क्षेत्रप्ररूपणाका वर्णन २३-२५ पांच भावोंके भेद स्पर्शनप्ररूपणाका वर्णन २५-३२ औपशमिक भावके दो भेद कालप्ररूपणाका वर्णन ३२-४१ ३४१ क्षायिक भावके नव भेद अन्तरप्ररूपणाका वर्णन ४१-५२ ३४३ भावप्ररूपणाका वर्णन क्षायोपशमिक भावके अठा५२-५३ रह भेद ८३-८४ अल्पबहुत्वप्ररूपणाका वर्णन ५३-५६ औदयिक भावके इक्कीस भेद ८४ मति आदि पांच ज्ञान ३६५ छह लेश्याओंके दृष्टान्त , ८५ प्रमाणका स्वरूप परोक्ष और प्रत्यक्ष प्रमाण ५९-६० पारिणामिक भावके तीन भेद ८५ मतिज्ञानका स्वरूप जीवका लक्षण ८५-८६ मतिज्ञानके कारण ३४८ उपयोगके भेद मतिज्ञानके भेदोंका वर्णन ६२-६५ ३४८-३५० ! जावाक ससारा आर मुक्तश्रुतज्ञानका स्वरूप और भेद ६५-७० ३५१-३५५ ८६-८७ ३६६ भवप्रत्यय अवधिज्ञान ७१ ३५५ / पांच परिवर्तनोंका स्वरूप ८७-९१ ३६६-६८ देव और नारकियोंके अवधि संसारी जीवोंके भेद ९१-९२ ३६८ ज्ञानका विषय ३५५ । स्थावर जीवोंके पांच भेद ९२-९४ ३३७ More ३४३ ३६५ For Private And Personal Use Only
SR No.010564
Book TitleTattvartha Vrutti
Original Sutra AuthorN/A
AuthorMahendramuni
PublisherBharatiya Gyanpith
Publication Year1949
Total Pages661
LanguageHindi, Sanskrit
ClassificationBook_Devnagari, Tattvartha Sutra, Tattvartha Sutra, & Tattvarth
File Size10 MB
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