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सर्वार्थ
। केईक पर्यायनिसहित सर्वद्रव्य मतिश्रुतज्ञानके विषयभावकू प्राप्त हो हैं । सर्वपर्यायनिसहित इनिका विषय नाही है जाते । KI ते पर्याय अनंत हैं । इहां कोई कहै, धर्मास्तिकायादिक जे अतींद्रिय हैं ते इंद्रियज्ञान जो मतिज्ञान ताके विषय कैसे र
होय ? यातें सर्वद्रव्यनिविर्षे मतिज्ञान प्रवते यह कहना अयुक्त है । ताकू कहिये- ए दोष इहां नाही आवै । जातें । अनिंद्रिय कहिये मन नामा अंतरंग कारण है, तातें नोइंद्रियज्ञानावरणकर्मके क्षयोपशमकी लब्धिपूर्वक उपयोग अवग्रहादि
रूप पहली प्रवतॆ है। तातें तत्पूर्वक श्रुतज्ञान सर्वद्रव्यनिविर्षे स्वयोग्यविर्षे प्रवर्ते है ऐसें जानना ॥ इहां कोई अन्यटीका
वादी कहै, जो मतिज्ञान इरुतज्ञान तौ स्वप्नवत् है । बाह्यपदार्थकू अवलंबीकार नाही उपजै है । जैसें स्वप्नका कोई बाह्यपदार्थ सत्यार्थ नाही तैसें यह भी है। ताकू कहिये, यह कहनां अयुक्त है । जाते ऐसे कहतें सर्वशून्यता ठहरै है प्रथम तो आपकै पहला दूसरा आत्मा बाह्यार्थ है सो मतिश्रुतज्ञान ताकू ग्रहण करै है । जो ताका अभाव मानिये । तौ पहलाकै आप बाह्यार्थ है सो आपका भी अभाव भया । ऐसै दोऊके भावतें सर्वशून्यता आई । बहरि जो पहला ? आत्मा सत्यार्थ है तौ घटादिक पदार्थ भी सत्यार्थ कैसै न होय ? इहां फेरि कोई वादी कहै, इंद्रियज्ञान तौ बाह्यपदा
र्थकं अवलंबै है बहुरि स्मरणादिक तौ निरालंबन है । ताकू कहिये- अनुभवपूर्वक स्मरणादि प्रवते है, तातै निरालंबन २ नांही । बहुरि श्रुतज्ञान है सो भी अर्थालंबनस्वरूप है । जाते श्रुतज्ञानतें वस्तुकू जाणि जो तिस वस्तुविर्षे प्रवर्ते है तहां
बाधा नांही है । जो श्रुतज्ञानगोचर वस्तुवि बाधा नांही सो तौ श्रुतज्ञान वस्तुके आलंबनस्वरूप सत्यार्थ है । बहुरि जहां बाधा होय, सो वह श्रुतज्ञान नांही श्रुताभास है ॥
आगें मतिश्रुतकै लगताही कहनेयोग्य जो अवधिज्ञान ताका विषयका नियम कहा है ? ऐसा प्रश्न होतें सूत्र
॥ रूपिष्ववधेः ॥ २७ ॥ याका अर्थ- अवधिज्ञानका विषयका नियम रूपीपदार्थनिविर्षे है ॥ इहां सूत्रविर्षे विषयनिबंधशब्दकी अनुवृत्ति पहले सूत्रनितें लेणी । बहुरि रूपी कहनेतें पुद्गलद्रव्य ग्रहण करनां तथा पुद्गलद्रव्यके संबंधसहित जीवद्रव्य लेने । बहुरि रूपीविही विषयनिबंध है ऐसा नियम करनेते अरूपीद्रव्य न लेणे याके विषय नाही । बहुरि रूपीद्रव्यवि भी केईक पर्याय अपनेयोग्य हैं तेही विषय हैं । सर्वपर्याय याका विषय नाही ॥
आ- याकै लगताही कहनेयोग्य जो मनःपर्ययज्ञान ताका कहा विषयनियम है ? ऐसे पूछ सूत्र कहै हैं -