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। पुष्टिमार्ग में वेदोंका स्थान
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शुद्धाद्वैत वैष्णवों के यहां वेदो को परम प्रमाण माना है। जो लोग इस सम्प्रदाय को अवैदिक कहते हैं वे मूर्ख हैं। इस मार्ग के संस्थापक श्रीवल्लभाचार्यजीने वेदों पर परम विश्वास प्रकट किया है और जहां तहां इसके प्रमाणभी दिये हैं पुष्टिमार्ग में वेदों को सर्वोच्चपद प्राप्त है और सच कहा जाय तो पुष्टिमार्ग का उद्गमस्थान ही वेद है। वेदों के विषयमें तो आचार्योका मत हैवेदोक्तादणुमात्रेऽपि विपरीतं तु यद्भवेत् । तादृशं वा स्वतन्त्रंचेदुभयं मूलतो मृषा ॥ अर्थात् वेदों की उक्ति से अणुमात्र भी जो विपरीत हो अथवा जो विपरीत जैसा भी दीखे अथवा वेदों से सर्वथा अथवा कुछभी स्वतन्त्र हो तो वह मूलसे ही झूठा समझना चाहिये और किसी भी दशामें वह सन्मान्य नहीं हो सकता।