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________________ - onmens ruaranaamsaneHOES A NLNamastaminoRIMIMA me O धरनो। छठीके आगे कोरो चून और कोरी पिसी हलदी मिलायके चौक पूरिये ताके ऊपर दो पीढा बिछाय ताके ऊपर पीरी बिछाय, लुटिया १ जलका भरके धरे। फिर छठीके पास खाण्डो उघारके दक्षिणओर धरे । रई दक्षिण ओर धरे । बन्सी तथा लठिया लाल रङ्गकी दक्षिण ओर धरे ॥ षष्ठीका संकल्प । श्रौताचमन करके प्राणायाम करे। ॐ हरिः ॐ श्रीविष्णुविष्णुः श्रीमद्भगवतो महापुरुषस्य श्रीविष्णोराज्ञया प्रवर्त्तमानस्याद्य श्रीब्रह्मणो द्वितीयमहराः श्रीश्वेतवाराहकल्पे वैवस्वतमन्वन्तरे अष्टाविंशतितमे कलियुगे कलिप्रथमचरणे बौद्धावतारे जम्बूद्वीपे भूल्लौके भरतखण्डे आर्यावर्तान्तर्गते ब्रह्मावर्तेकदेशेऽमुकदेशेऽमुकमण्डलेऽमुकक्षेत्रेऽ मुकनामसंवत्सरे दक्षिणायनगते श्रीसूर्ये वर्षौ मासोत्तमे श्रीभाद्रुपदमासे शुभे कृष्णपक्षे नवम्याममुकवासरेऽमुकनक्षत्रेऽमुकयोगेऽमुककरणे, एवं गुणविशेषणविशिष्टायां शुभपुण्यतिथी श्रीनन्दरायकुमारस्याभिनवजातस्य कुमारस्याभ्युदयार्थ षष्ठीदेव्यावाहनप्रतिष्ठा पूजनान्यहं करिष्ये ।जल अक्षत छोडनो । ब्राह्मण मन्त्र पढिके षष्ठीकी प्रतिष्ठा करे । आपुन कुम्कुम् अक्षत षष्ठीपर डारने पाछे वसोर्धारा मन्त्र पढिके पीकी कटोरी हाथमें लेके पष्ठीके बीचोंबीच तीन वा पाँच वा सात धारा करनी। पाछे प्रार्थना कीजे। हाथ जोडके । तहाँ यह मन्त्र पढिये-“गौरीपुत्रो यथा स्कन्दः शिशुः संरक्षितस्त्वया ॥ तथा ममाप्ययं बालो रक्ष्यतां षष्ठिके नमः" ॥१॥ षष्ठीभद्रिकायै सांगायै सपरिवारायै नमः । यह पढिके प्रार्थना करनी । पाछे रईकी पूजा करे। Ramanand
SR No.010554
Book TitleVallabhvrushti Prakash
Original Sutra AuthorN/A
AuthorGangavishnu Shrikrushnadas
PublisherGangavishnu Shrikrushnadas
Publication Year1937
Total Pages399
LanguageHindi, Sanskrit
ClassificationInterfaith & Hinduism
File Size121 MB
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