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________________ min और पतरे तीन ताको चौरीठा सेर 5॥ घृत सेर ॥कटोरीको। यह सब सामग्रीमेंसों दूसरे दिनके राजभोगके ताँई साजके राखनी। अब लोन, मिरच, सन्धाँना, पूरा आदिकी कटोरी साजके धरनी ॥ - अथ अनसखड़ीको प्रकार । यहां तोल बढ़ती लिखी है परन्तु जहाँ जितनो नेग होय ता प्रमाण करनो॥ सामग्री। छूटी बूँदीको वेसन सेर १० घृत सेर १० खाँड सेर १० । गुझाको कूरको चून सेर ऽ४ घृत सेर ऽ२। खाण्ड सेर ऽ४ मिरच आध पाव, खोपराके टूक सेर ॥ भरवेको मैदा सेर ऽ५ घृत सेर ऽ५, ॥ मठड़ीको-मैदा सेर ३६ घृत सेर ऽ६ खाण्ड सेरऽ६। - सकरपाराको-मैदा सेर ऽदघृत सेर ७६ खाण्ड सेर ७६ । सेवके लडुआको-मैदा सेर ३६ घृत सेर ७६ खाण्ड सेर । २ बारे॥ फेनी केशरी तथा सुपेतको-मैदा सेर ७२ घृत सेर ऽ२ खाण्ड सेर ऽ२॥ फेनी न बने तो चन्द्रकला करनी ताकी खाण्ड तिगुनी लेनी॥ . बाबर केसरी तथा सुपेत ताको-मैदा सेर ऽ२॥ घृत | सेरऽ२॥ बूरा सेर ऽ२॥ जलेबीको-मैदा सेरऽ१॥ घृत सेर 5॥ खाण्ड सेर ऽ४॥ बूंदीके लडुवाको-बेसन सेर 5। घृत सेर 5। खाण्ड - M -
SR No.010554
Book TitleVallabhvrushti Prakash
Original Sutra AuthorN/A
AuthorGangavishnu Shrikrushnadas
PublisherGangavishnu Shrikrushnadas
Publication Year1937
Total Pages399
LanguageHindi, Sanskrit
ClassificationInterfaith & Hinduism
File Size121 MB
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