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________________ amISE D पाछे श्रीस्वामिनीजीको अभ्यङ्ग करावे । पाछे स्नान करावे पाछे पीरे पाटकी दरियाई जापे स्नान कराये हैं विनके टूक कर सबनको बाँटदेवे सो टूक (पीताम्बर) कण्ठी (माला) में बाँधे । पाछे अतर समर्पिके वस्त्र केशरी नये रुपेरी किनारीके कुल्हे केशरी, बागा केशरी चाकदार, सूथन, पटुका, लहेंगा चोली, गुलेनार, दरियाइकी। साडी केशरी॥ । अब श्रीबालकृष्णजी होंय तो विनके वस्त्र। ____ कुल्हे, केशरी, बागो केशरी, ओढ़नी केशरी, रूपेरी किनारी लगे वस्त्र होंय । और श्रीपादुकाजीकी ओढ़नी केशरी रूपेरै किनारी लगी। पलँगडीपर विराजे। आभरण सब धोयके फेरिके पिरोवे । गठावने । जन्मोत्सव पर । जोड नयो चन्द्रका ५ के गुञ्जा नई । ऐसे सब तैयारी करनी ॥ शृंगार श्रीठाकुरजीको करनो। प्रथम वस्त्र धरावने । पाछे आभरण । अलकावली, नूपुर क्षुद्रघण्टिका। ये सब मानिकके । और कुण्डल, हार, त्रिवर्ल पान, शीशफूल, चरणफूल, हस्तफूल, यह सब हीराके । और बाजू पोहोंची, हीरा, मानिकके तीन तीन धरावने । पन्नाके हार, माला, पदक हमेल, दोय कलिको हार, जुहीको हार चन्द्रहार, कस्तूरीकी माला, दोऊ आडी कलंगी श्रृंगार सब भारी तीन जोरीको करनो । कमलपत्र केशरको करनो । गौर स्वरूपः कस्तूरी कपोलपर धराइये । अञ्जन करने । जोड सादा चन्द्रिका ५ को नयो धरावनो । चोटी धरावनी॥ याही प्रकार श्रीस्वामिनीजीको शृंगार करनो। सिंहासनपर पधरावने । गादीको शृंगार करनों । और || सब स्वरूपनको शृंगार करनो। या प्रकार तिहरो शृंगार भारी - - - - - - - -
SR No.010554
Book TitleVallabhvrushti Prakash
Original Sutra AuthorN/A
AuthorGangavishnu Shrikrushnadas
PublisherGangavishnu Shrikrushnadas
Publication Year1937
Total Pages399
LanguageHindi, Sanskrit
ClassificationInterfaith & Hinduism
File Size121 MB
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