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पहर आगले छोड़ने । जो याहीते चार प्रहर दिन उपवास प्रस्तास्तसों रात्रीके दूसरे दिन शुद्ध सूर्य दर्शन पाछे नवीन जलसों स्नान करे । सूर्यग्रहण ग्रस्तोदय होय तब पहले दिन रात्रीको महाप्रसाद नहीं लेनो और कछु नहीं ॥ इति श्रीसातों घरकी उत्सव प्रणालिका तथा ग्रहणकी विवि सम्पूर्ण ॥
अथ कत्थाकी गोली करिवेकी विधि। कत्था सेर ॥ दिन ३१ जलमें भिजोवनो नित्य नितरतो जल बदलनो । फिरि बड़ी तोड़ि सुकावनी पीछे पीसके कपड़छान करे पाछे कस्तूरी मासा ६ खैरसार मासा ६ अम्बर तोला १ अतर गुलाबको मासा ३ अतर मोतियाको मासा ३ अतर केवड़ाको मासा ३ फुलेल मासा ६इन सबनको पुट लगावनो कत्था सेर ऽ॥ ताको आधोरहे। गुलाबजल में सांनके गोली बाँधनी। इति कत्थाकी विधि सम्पूर्ण ॥
सामग्रीको प्रमाण तथा विधि। ... १ केशरी घेवर, २ केशरी चन्द्रकला, ३ आदाको मनोहर, ४ मोहनथार घाँसको, ए चार सामग्रीकी खांड पचगुणी वी दुगुनो तथा ड्योड़ो क्रमते॥
चौगुनी खाण्डकी सामग्री । पिसी बूँदीको मोहनथार बेसनको, २ मनोहर गीदड़ीको, ३ मनोहर दुहीको, ४ मनोहर खोवाको, ९ मनोहर बेसनको, ६ मनोहर मैदाको, ७ मनोहर चोरीठाको, ८घेवर, ९चन्द्रकला, १०धांसकेलडुवा, ११मूङ्गकी बूंदीके लडुवा, १२ मीठी कचोड़ी, १३तवापूड़ी, १४ वुड़कल, | १५ शिखरणबुड़कल, १६ मोहनथार मूङ्गके ॥.
१ श्रीमदनमोदककी विधि-मैदा सेरऽ१ दहीमें बांधनो सेव छांटके पीसनी चौगुनी चासनीमें डारके सुगन्ध मिलायके लडुवा बांधने ॥
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