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________________ PERHITRATEGRESEASEEMENTREPRESENTERESED T AMARHATION Preurosure meanmmmemommumournimmmssanmantarwasnase विगतवार सब श्रीगुसांईजीके उत्सवप्रमाण देखलेनो, पाछे | बन्धनवार बाँधनी । राजभोगको समय भये पाछे पूर्वोक्त रीतिसों सरायके तिलक भेट, नोछावर राई नोन करनों । प्रथम गुड़, तिल दूध एक कटोरीमें धरनों । श्लोक पढके पाछे राजभोग सरे पीछे आरती चूनकी करनी, घण्टा झालर शंख बाजत बधाई गावत शंख बाजत होय ! जन्मपत्र बचे जो पादुकाजी न विराजत होय तो बी तिलक भेट चूनकी आरती करनी । राई नोन नोछावर करनी पाछे नित्यक्रमकी रीति ॥ वैशाख वदि १२ शृंगार सब पहले दिनको । गरमी बोहोत होय तो पिछोड़ा धरावनो । सामग्री बूंदीके लडुवाको-बेसन सेरऽ। की दार छड़ियल कढ़ी डुवकाकी॥ वैशाख वदि १३वस्त्र कसूभी । पिछोड़ा पाग गोला शृंगार हलको। दार तुअरकी॥ वैशाख वदि१४पीरी धोती उपरना पाग गोल ठाड़े वस्त्र हरे॥ वैशाख वदि ३० वस्त्र गुलेनार। शृंगार मुकुट काछनीकी। सामग्री पूवाको-चून सेर 5 गुड़ घी बराबर चिरोंजीऽ-॥ वैशाख सुदि ३ वस्त्र गुलेनार । पिछोड़ा, पाग ॥ वैशाख सुदि २ क मल पिछोड़ा,पाग गोल चन्दका सादा, ठगड़े वस्त्र हरे॥ वैशाख सुदि ३ अक्षय तृतीयाको उत्सव । साज सब सुपेत बाँधनो । चन्दुआ पिछवाई सब सुपेत । बाँधनो। सब ठिकाने सुपेती चढ़ावनी । मङ्गलामें आइबँध धरे।। सगरे दिनको नेग सतुआको । ताको सतुआ सेरऽ२ घी सरेऽ२ ! बूरा सेर 5४, अभ्यंग होय । वस्त्र श्वेत । केशरी काँगरावारी ।। कोरके पिछोड़ा। कुल्हे श्वेत, तामें श्वेत रूपेरा चित्रके । ठाड़े - - -- peaseanterpro - -- - --
SR No.010554
Book TitleVallabhvrushti Prakash
Original Sutra AuthorN/A
AuthorGangavishnu Shrikrushnadas
PublisherGangavishnu Shrikrushnadas
Publication Year1937
Total Pages399
LanguageHindi, Sanskrit
ClassificationInterfaith & Hinduism
File Size121 MB
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