SearchBrowseAboutContactDonate
Page Preview
Page 166
Loading...
Download File
Download File
Page Text
________________ - । अन्नकूटसों आधे सेवको बेसन सेरऽ१ छाछके बड़ाकी दार सेर 59 मैदाकी पूड़ीको मैदा सेर 5१ भुजे मेवा राधाष्टमी प्रमाण । भंडारके मेवा छेलेभोगमें दूध, बासोंदी, बरफी, पेडा, दही मीठो जीराको, शिखरनबड़ी, बिलसारू, सधाना, दाख मिरचके सब तरहके सधाना, शाक ८ भुजेना लपेटमा २ सादा २, फलफूल, चनाके होरा, तीनो भोगमें अवश्य धरने । शंखोदक भये पाछे होरा धरने । और दूधघरकी सामग्री। पेड़ा बरफी केशरी, मेवाटी गुझिया, खोवाकी गोली, कपूरनाड़ी, खरमंडा, वगेरे बासोंदी, अधोटावगेरे जो बनि आवे सो । पगेमा मेवाकी कतली लडुवा पगेमा वगेरे। खांडघरमें जो बनिआवे सो॥ अब पहले भोगमें बड़ी सामग्रीमेंसों दोय दोय नग साजने। पतरी सामग्रीमेंसों बटेरा साजने । दूधघरकी सामग्रीमेंसों दोय दोय नग साजने । काँजी तथा छाछिके कुलड़ा साजने फड़पड़ीया सबनके बटेरा साजने । सब तरहके सधानेके बटेरा। एक एक बटेरी,लोन, मिरचकी साजनी बूराको बटेरा साजनो। फल फलोरीके छोटे छोटे दोना साजने पहलेते दूनों दूसरे भोगमें साजनो। और सब रहे सो तीसरे (छेले) भोगमें साजकें धरनो। शाक, भुजेना, मैदाकी पूड़ी, भुजे मेवा और भोगमें नहीं आवे, छेले भोगमें धरने । और अब काँजीके मसालेको प्रमाण उडदकी दार सेर ऽ२ तामें सूंठ सेर ऽ। राई पिसी सेर । सौंप सेर = पीपर 5- हींग ऽ-लूण सेर ॥ हलदी सेरऽ। जीरा = धनियाँ सेर 5=1 ___ अथ डोलमें श्रीठाकुरजी पधरायबेको प्रकार । राजभोग आरती भीतर करके डोलको अधिवासन करनो। चार खेलके साज न्यारे न्यारे करके चौकीके ऊपरधरने ता पाछे अधिवासन -
SR No.010554
Book TitleVallabhvrushti Prakash
Original Sutra AuthorN/A
AuthorGangavishnu Shrikrushnadas
PublisherGangavishnu Shrikrushnadas
Publication Year1937
Total Pages399
LanguageHindi, Sanskrit
ClassificationInterfaith & Hinduism
File Size121 MB
Copyright © Jain Education International. All rights reserved. | Privacy Policy