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________________ RMARATHI 2-A shitas दूध शङ्खमें लेके न्हवावे । फिरि दहीसों । फिरि जलसों स्नान करायके पधराइये गिरिराजजीकूँ अङ्गवस्त्र करावनो पाछे नीचे छोटोसो पटा बिछायके ताके ऊपर वस्त्र बिछायके ताके ऊपर पधराइये। पीताम्बर उढ़ाइये । माला धराइये पाछे कुम्कुम्को तिलक करनों कमलपत्र करनों। कुम्कुम् छिड़कनों । एक उपरना गोबरके गोवर्द्धनकों उढ़ावनों । ऊपर कुम्कुम् छिड़कनों । थापा लगावने। कुँनवाड़ो भोग धरनों। तुलसी समर्पनी तुलप्ती शंखोदक, धूप, दीप, करनों । झारी भरके धरनी । टेरा करनों । समय भये भोग सराय । आचमन, मुखवस्त्र, कराय बीड़ा धरने । आरती करनी। पाछे खालकूँ तथा दूधगरिया। तिलक, अक्षत लगायके हरदी और कुम्कुम्के थापा लगावनें। पाछे हाँड़ी उपरना सेवकन. औरन. बाँटने । ता पाछे श्रीगिरिराजको उपरना,माला, बीड़ा, जो महाराज विराजते होय सो पहरे पाछे श्रीगिरिराजजीकू श्रीठाकुरजीके पास पीताम्बर उढ़ायके पधराइये पाछे गइयन] खिलाइये। पाछे श्रीठाकुरजीकू सुखपालमें पधरावनें । फिरि पधारें। कल सवारी आवे। तामें रु. डारनों । ता पाछे सुखपाल तिवारीमें पधरायके चूनकी आरती मुठिया बारिके करनी। पाछे हाथ खासा करिके शीतलभोगमिश्रीको सुखपालमें ही धरनों । पाछे परिक्रमा पाञ्च तथा सात करनी। और अन्नकूटमेंहू शीतल भोग आवे । झारी फिरि भरके धरनी। दोयदोय झारी धरनी । सिंहासन ऊपर पधरावनों। पाछे आचमन मुखवस्त्र करायकें सिंहासन ऊपर अन्नकूट अरोगये। पधरावने दोनों आड़ी जलकी मथनी मझोली छत्रासों टॉकिके वामें कटोरी धरिके पधरावनी ॥ mine a anem a mwrimoniamemagalaNMENTIAnamastram JawaaaaaasRRORESHESeemaanamamiRESee TRACTREATREAKINORMATHIROHIMACRORAT
SR No.010554
Book TitleVallabhvrushti Prakash
Original Sutra AuthorN/A
AuthorGangavishnu Shrikrushnadas
PublisherGangavishnu Shrikrushnadas
Publication Year1937
Total Pages399
LanguageHindi, Sanskrit
ClassificationInterfaith & Hinduism
File Size121 MB
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