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________________ समितियां २४ सयम, त्याग, और तप~ये तीनों मुक्ति के क्रियात्मक साधन है। भवबंधनों से मुक्त करने में केवल ये तीन ही उपाय समर्थ हैं-अन्य कोई नहीं। मुक्तिप्राप्ति के लिये तो हम सभी उम्मेदवार है। यावन्मात्र प्राणियों को मोक्षमार्ग में जाने का अधिकार है मात्र उसपर चलने की तैयारी होनी चाहिये। इस अध्ययन में मुनिवरों के संयमी जीवन को पुष्ट करने वाली माताओं का वर्णन किया गया है फिर भी उनका अव. लम्बन तो सभी मुमुक्षुओं के लिए एक सरीखा उपकारी है। सब कोई अपना क्षेत्र, काल, भाव तथा सामर्थ्य देखकर उनका विवेकपूर्वक उपयोग कर सकते है। भगवान बोले(१) जिनेश्वर देवों ने जिन पांच समितियों और तीन गुप्तियों का वर्णन किया है इन ८ प्रवचनों ओह माता की उपा न
SR No.010553
Book TitleAgam 43 Mool 04 Uttaradhyayan Sutra
Original Sutra AuthorN/A
AuthorSaubhagyachandra
PublisherSaubhagyachandra
Publication Year
Total Pages547
LanguageHindi, Prakrit
ClassificationBook_Devnagari, Agam, Canon, & agam_uttaradhyayan
File Size17 MB
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