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________________ २६४ उत्तराध्ययन सूत्र Dowwwwwwe (७५) इस समग्र लोक में फैले हुए घोर अंधकार में बहुत से प्राणी रुधे पड़े हैं। इन सब प्राणियों को प्रकाश कौन देगा ? (७६) (गौतम ने उत्तर दिया:-) समस्त लोक में प्रकाश देनेवाला जो सूर्य प्रकाशित होरहा है वही इस लोक के समस्त जीवों को प्रकाश देगा। (७७) गौतम के इस उत्तर को सुनकर केशीमुनि ने फिर पूंछा:- "हे गौतम ! वह सूर्य आप किसको कहते हो ?" गौतम ने इसका उत्तर इस प्रकार दिया:(७८) संसार के समस्त गाढ़ अंधकार का नाश कर अनन्त ज्यातियों से प्रकाशमान सर्वज्ञरूपी सूर्य ही इस समस्त लोक के प्राणियों को प्रकाश देगा। टिप्पणी-जिन प्रवल आत्माओं का अज्ञान अंधकार नष्ट होगया है, और जो सांसारिक सभी बंधनों से सर्वथा मुक्त हुए है ऐसे महा- पुरुप ही अपने अनुभव का मार्ग जगत् को यताकर उसे सब दुःखों से छुड़ा सकते हैं। (७९) केशीमुनि ने कहा:-हे गौतम ! तुम्हारी बुद्धि उत्तम है। तुमने मेरा संदेह दूर कर दिया। अब मेरे एक दूसरे प्रश्न का आप सामाधान करो। वह प्रश्न इस प्रकार है:(८०) हे मुने ! सांसारिक जीव शारीरिक तथा मानसिक दुःख में पीड़ित हो रहे हैं। उनके लिये कल्याणकारी, निर्भय, नि पद्रव तथा पीडारहित पौनसा हाल फल लग - - - A जानते हो। में विष के समान
SR No.010553
Book TitleAgam 43 Mool 04 Uttaradhyayan Sutra
Original Sutra AuthorN/A
AuthorSaubhagyachandra
PublisherSaubhagyachandra
Publication Year
Total Pages547
LanguageHindi, Prakrit
ClassificationBook_Devnagari, Agam, Canon, & agam_uttaradhyayan
File Size17 MB
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