SearchBrowseAboutContactDonate
Page Preview
Page 305
Loading...
Download File
Download File
Page Text
________________ स०रा० माषा SAGARMEREGERM अनर्थातर मानना अयुक्त है ? सो भी ठीक नहीं क्योंकि शब्दके भेदसे जो मति स्मृति आदिके भेदकी शंका की जाती है उससे तो यह संशय और उठ खडा होता हे कि शब्दभेदसे अर्थभेद होता है या | || नहीं ? क्योंकि इंद्र शक्र पुरंदर आदि शब्दोंके भिन्न भिन्न रहते भी उन सबका अर्थ एकही शचीपति || है होता है । भिन्न भिन्न नहीं यदि शब्दोंके भेदसे अर्थ भी भिन्न होता तो एक ही शचीपति अर्थके वाचक इंद्र आदि शब्दोंके भेदसे उनका भी अर्थ भेद होना चाहिये था परंतु सो नहीं इसलिये जिसतरह है Bा इंद्र आदि शब्दोंके भेद रहनेपर भी उनका अर्थभेद नहीं माना जाता-सबका एक शचीपति ही अर्थ । || होता है उसीप्रकार मति आदि शब्दोंके भिन्न रहते भी उनके अर्थमें भेद नहीं-सब मतिज्ञानके ही पर्या६] यांतर हैं । यहां पर यह बात और भी समझ लेना चाहिये कि जिससे संशय होता है उससे कभी पदार्थका || निश्चय नहीं हो सकता और जिससे पदार्थोंका निश्चय होता है उससे कभी संशय नहीं हो सकता । गाय है और घोडा आदि शब्दोंका भिन्न भिन्न अर्थ रहनेसे यह संशय होता है कि शब्दके भेदसे अर्थका भेद हूँ ह होता है या नहीं ? इसलिये शब्दोंके भेदसे अर्थका भेद ही होता है यह वात निश्चितरूपसे नहीं मानी || जाती परन्तु एक ही शचीपति अर्थक बोधक अनेक इंद्र आदि शब्दोंके रहते यह निश्चय हो जाता है | कि शब्दोंका भेद रहते भी एक भी अर्थ होता है इस रीतिसे, इस दृष्टांतसे यह वात निश्चित हो जाती ॥ है कि 'अनेक शब्द भी एक अर्थक बोधक होते हैं तब मति आदि शब्दोंका एक ही अर्थ है-वे मति| ज्ञानके पर्यायांतर ही हैं, इस वातके माननेमें कोई भी विवाद नहीं हो सकता। और भी यहवात हैकि शब्दभेदेप्यथैकत्वप्रसंगात्॥५॥ . जिस वादीका यह सिद्धांत है कि जहां पर शब्दभेद है वहां पर नियमसे अर्थभेद है-शब्दभेद IRECEIAS ABBASNBARORS
SR No.010551
Book TitleTattvartha raj Varttikalankara
Original Sutra AuthorN/A
AuthorGajadharlal Jain, Makkhanlal Shastri
PublisherBharatiya Jain Siddhant Prakashini Sanstha
Publication Year
Total Pages1259
LanguageHindi, Sanskrit
ClassificationBook_Devnagari, Tattvartha Sutra, Tattvartha Sutra, & Tattvarth
File Size2 MB
Copyright © Jain Education International. All rights reserved. | Privacy Policy