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सूत्र-विभाग~६ 'भागमे तिविहे' का पाठ
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४. विषयभोग मे सतत मूढ बने हए प्राणी धर्म को नही जान सकते।
पाठ ६ छठा
चौथा आवश्यक
विधि : तीसरे आवश्यक की समाप्ति पर वदना करके पहला सामायिक, दूसरा चविंशतिस्तव तथा तीसरी वदनाय तीन आवश्यक पूरे हुए, चौथे प्रतिक्रमण आवश्यक की आज्ञा है। कहकर चौथे आवश्यक की आज्ञा ले। प्राज्ञा लेकर 'श्रावक सूत्र' पढने वाले खडे-खडे निम्न 'पागमे तिविहे' से लेकर
लखना तक के १५ पाठ व्रत अश वाले पाठ छोडकर अतिचार और प्रतिक्रमण अश वाले पाठ पढे। 'श्रमणसूत्र पढने वाले
म तिविहे से १२ वे अणुव्रत तक १४ पाठ सपूण खड-खड कह और सलेखना का पाठ बैठकर सम्पूर्ण कहे।
४. 'पागमे तिविहे' 'ज्ञान का पाठ'
मागमे तिविहे पण्णत्ते, तंजहा १. सुत्तागमे
: आगम : तीन प्रकार का कहा है। , : वह इस प्रकार : सूत्र (रूप) आगम