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द्रव्य सहायकों के प्रति
सुबोध जैन पाठमाला भाग दूसरा पूर्वार्द्ध और उत्तराद्ध का प्रकाशन भी श्रद्धालु और धर्मप्रेमी सज्जनो की ज्ञान-तृषा की तृप्ति के लिये आपके हाथ मे है। समाज मे इस प्रकार के शिक्षणोपयोगी साहित्य प्रकाशन के लिये द्रव्य सहायक बनना समाज मे ज्ञान-प्रसार के पुण्य लाभ के साथ निर्जरा का भी कारण है। निम्न सहाय-दाता, धर्मप्रेमी, श्रद्धाशील और जालोर जैन समाज के अग्रगण्य उत्साही कार्यकर्ता हैं। इनकी त्याग-वृत्ति और धर्म-प्रेम का परिचय समाज को सदा मिलता रहा है। आप लोगो ने निम्न रूप से पुस्तको के लिये अपनी-अपनी तरफ से द्रव्य सहायता प्रदान की, आपका यह कार्य अन्य शिक्षा-प्रेमियो के लिये अनुकरणीय व आदर्श है।
शिक्षिण शिविर समिति आपके इस शुभ सहयोग के लिये अपना आभार प्रकट करती है।
जालोर ५००
नामावली १ शाह सकुनमलजी रूपचन्दजी सांखला, जालोर ५०० २. ,, प्रकाशमलजी नेनमलजी काकरिया , २०० ३. , नेनमलजी केशरीमलजी बुटा व
सुमेरमलजी बुटा ४. , साकलचन्दजी उदयचन्दजी मुथा , १००
ननमलजी का
३. , नेनमल
२००
मत्री
स्था० जैन धामिक शिक्षण शिविर समिति
नोधपुर (राज.)