SearchBrowseAboutContactDonate
Page Preview
Page 63
Loading...
Download File
Download File
Page Text
________________ पाठ १४-सामायिक के उपकरण [ ४५ प्र० : विराधना किसे कहते हैं ? उ० . स्पर्श आदि पाँच बोल मे से एक भी बोल व्रत को साधना मे कम होना। प्र० · आराधना किसे कहते हैं ? उ० . स्पर्श आदि पाँच बोल सहित व्रत की साधना करना। पाठ १४ चौदहवाँ सामायिक के उपकरण विजयकुमार एक छोटे गॉव का विद्यार्थी था। वह शिक्षण के लिए बडे नगर मे आया। वहाँ उसने लौकिक शिक्षा के साथ जैनशाला मे धार्मिक शिक्षा भी पाई। जब वह घर लौटा, तो अपने छोटे भाई जयन्त के लिए 'दूसरी-दूसरी वस्तुप्रो के साथ सामायिक के उपकरण भी खरीद कर ले गया। उस छोटे गाँव मे साधुनो का पधारना नही हो पाता था। न वहाँ कोई जैनशाला थी। जैन के नाम पर उस गाँव मे अकेले उसी का घर था। धर्मशीला माता का स्वर्गवास हो गया था। पिता खेती-बाडी करते थे। उनकी धर्म मे कोई रुचि न थी, इसलिए जयन्त को कोई धार्मिक सस्कार नही मिल सके थे।
SR No.010546
Book TitleSubodh Jain Pathmala Part 01
Original Sutra AuthorN/A
AuthorParasmuni
PublisherSthanakvasi Jain Shikshan Shivir Samiti Jodhpur
Publication Year1964
Total Pages311
LanguageHindi, Sanskrit
ClassificationBook_Devnagari
File Size9 MB
Copyright © Jain Education International. All rights reserved. | Privacy Policy