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जैन सुवोध पाठमाला - भाग १
१ श्री ऋषभनाथजी
२ श्री अजितनाथजी ३ श्री सम्भवनाथजी
४. श्री अभिनन्दनजी
१३. श्री विमलनाथजी १४ श्री अनन्तनाथजी १५. श्री धर्मनाथजी १६. श्री शान्तिनाथजी १७. श्री कुन्थुनाथजी १८. श्री अरनाथजी
१६. श्री मल्लिनाथजी
२०. श्री मुनि सुव्रतजी २१. श्री नमिनाथजी २२. श्री अरिष्टनेमिजी
२३. श्री पार्श्वनाथजी
२४ श्री महावीरस्वामीजी
५. श्री सुमतिनाथजी ६ श्री पद्मप्रभुजी ७. श्री सुपार्श्वनाथजी ८. श्री चन्द्रप्रभुजी ६ श्री सुविधिनाथजी
१० श्री शीतलनाथजी ११. श्री श्रेयासनाथजी १२ श्री वासुपूज्यजी माँ : हम हवे तीर्थंकरजी को श्री पुष्पदतजी और २२वे को श्री नेमिनाथजी कहते है ।
पुत्र : माँ | ये हवे और २२वे तीर्थंकर के दूसरे नाम हैं । माँ : क्या दूसरे तीर्थंकर के भी दूसरे नाम हैं ?
पुत्र : हाँ, जैसे १ श्री ऋषभनाथ को श्री श्रादिनाथजी और २४ भगवान् महावीरस्वामीजी को श्री वर्धमानस्वामीजी भी कहते हैं ।
माँ : वेटा । हम ७वे तीर्थंकर को सुपारसनाथजी और २३वें तीर्थंकर को पारसनाथजी कहते है ।
पुत्र : माँ | श्रावकजी ने हमे कहा कि कुछ लोग ऐसे नाम कहते हैं, किन्तु तुम सुपार्श्वनाथ और पाश्वनाथ ऐसे नाम कठस्थ करो ।
माँ : तोयंकरो के नामो के विषय मे श्रावकजी ने और क्या बताया ?