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कथा-विभाग- श्री अर्जुन - माली (अनगार)
प्रश्न
९. मेघकुमार का परिचय दो।
२. मेघकुमार की दीक्षा से एक दिन पहले और एक दिन पीछे
की स्थिति बताओ ।
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३. मेघमुनि के पूर्व जन्म बतलाओ ।
४ भगवान् ने उन्हें कैसी शिक्षा देकर स्थिर किया ?
५ मेघमुनि के जीवन से तुम्हे क्या शिक्षाएँ मिलती हैं ?
५. श्री अर्जुन माली (अनगार)
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परिचय
।
'राजगृह' नामक नगर मे 'अर्जुन' नामक एक माली रहता था । माली जाति मे वह धनवान, दैदीप्यमान और बहुत प्रतिष्ठित था । उसकी 'बन्धुमती' नामक स्त्री थी। वह बहुत ही सुरूपवती और सुन्दरी थी ।
यक्ष - पूजक
राजगृह के बाहर अर्जुनमाली का फूलो का एक बडा बगीचा था । उस बगीचे से कुछ दूरी पर 'मुद्रपारि' नामक यक्ष का मन्दिर था । उस यक्ष के पारिण (हाथ) मे हजारपल ' (३ डे मन ) का एक भारी लौह मुद्गर था । इसलिए उसे लोग 'मुद्रपारि' कहते थे ।