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पाठ २-नमस्कार मन्त्र प्रश्नोत्तरी
प्र. आचार्य किसे कहते हैं ? उ० · चतुर्विध सघ के नायक साधुजी, जो स्वय पॉच आचार
पालते हैं तथा साधु सघ मे प्राचार पलवाते है। प्र० : उपाध्याय किसे कहते हैं ? उ०. शास्त्रो के जानकार अग्रगण्य साधुजी, जो स्वय अध्ययन
करते है तथा साधु-साध्वियो को अध्ययन कराते है। प्र० . साधु किसे कहते है ? उ०: १. जो पाँच महाव्रत, पाँच समिति, तीन गुप्ति आदि का
पालन करते हो। २. सम्यग्ज्ञान, सम्यग्दर्शन, सम्यक्चरित्र और सम्यक्तप द्वारा आत्म-कल्याण साधते हो। नमस्कार मत्र मे कितनो को नमस्कार किया है ? पाँच पदो को नमस्कार किया है।
पद किसे कहते है ? उ० योग्यता से मिले हुए या दिए हुए (पूज्य) स्थान को पद
कहते हैं। प्र० • नमस्कार मत्र से क्या लाभ है ? उ० · सब पापो का नाश होता है। - प्र०' नमस्कार मत्र से सब पापो का नाश क्यो होता है ? दुमका 3rd उ०: क्योकि नमस्कार मंत्र सर्वश्रेष्ठ मगल है। प्र० मगल किसे कहते हैं ? उ० · जिससे पापो का नाश हो। प्र० ' क्या नमस्कार मत्र के स्मरण से उसी समय सभी पापो
का नाश हो जाता है ? उ० नही। १ नमस्कार से पहले पाँच पदो के प्रति
विनय जगता है। २ पीछे वैसे ही बनने की भावना