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जैन सुबोध पाठमाला - भाग १
७ हास्य
८ श्रशुद्ध,
६ निरपेक्ष, १० सुम्सुन वचन दोष ||२||
६ विकथा
१ कुवचन = विषयकारी, कपाययुक्त, अपशब्द आदि वचन कहे । २ सहसाकार = बिना विचारे चार भाषा मे से कोई भी भाषा वोले । ३. स्वच्छन्द = निरकुश होकर बोले । ४. सक्षेप = सामायिक की विधि पूरी न करे, पाठो को सक्षेप मे बोले । ५. कलह = वचन-युद्ध करे, क्लेशकारी वचन बोले । ६. विकथा = स्त्री - कथादि चार कथाप्रो में से कोई कथा करे । ७. हास्य = हास्य, कौतुहल, व्यग आदि करे । 5 अशुद्ध = पाठो को 'वाइद्ध' आदि प्रतिचार सहित अशुद्ध पढे अथवा प्रव्रती को आदर-सत्कार दे, उसे आने-जाने के लिए कहे । ६ निरपेक्ष = पाठ उपयोग शून्य या उपेक्षा करके पढे । स्पष्ट न बोले, गुनगुनावे |
१०. सुम्सु = पाठ
काया के १२ बारह दोष
गाथा :
१ कुप्रासरणं २ चलासरणं ३ चलदिट्ठी,
४ सावज्ज किरिया ५ऽऽलंबरण ६ ऽऽकुंचरण पसारणं ।
७ श्रालस्स, ८ मोडन & मल १० विमासरणं । ११ निद्दा १२ वैया वच्चति, बारस काय दोसा ॥३॥
हिन्दी छाया :
१ कुप्रासन
३ चलदृष्टि,
२ चलासन ४ सावद्यक्रिया ५ ऽऽलंबन ६ श्राकुञ्चन प्रसारण ।