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की गिरनी भी चल रही हैं। नादगांव म्यूनिमालिटी के चेयरमैन भी पाप बहुत वर्षों तक रह चुके हैं। वहां के सरकारी व नगर के कार्यों में प्रधान रूप से बुलाये जाते हैं । धवल सिद्धांत त म्रपत्र लिपि के जिय मापन ११०१) ३० प्रदान किये हैं। नादव के
शान जिन मन्दिर में एक वैती और मानस्तम्भ बनवाने का सङ्कल्प नाप कर चुके हैं इस कार्य में करीब २१०००) २० नगाना चाहते हैं। श्री० सेठ गुलाबचन्द जी शाह सांगली के प्रसिद्ध व्यापारी हैं। जिन दिनों भा० दि. जैन महासभा के मुखपत्र जैन गरट के सम्पादक और सं० सम्पादक के नाते श्रीमान श्रद्धय धर्मरत्न पं० लालाराम जी शास्त्री व हम पर डंफीमेशन (फौजदारी) केश बम्बई ऐसेम्बली के मम्बर सेठ बालचन्द रामचन्द जी एम० ए० ने दायर किया था, उस समय इन्हीं भी० सेठ गलाबचन्द शाह ने केवल धमे पक्ष की रक्षा के उद्देश्य से अपना बहुत बदा हुमा व्यापार छोड़कर बलगांव में करीब दमाह रहकर हमें हर प्रकार की सहायता दी थी, वकीलों को परामर्श देना साक्षियों को तयार करना, मादि सभी कार्यो में वे हमारे सहायक रहे थे। यह उनकी धर्म को लगन का ही परिणाम है। जिस प्रभार हम दोनों भाइयों ने अपने व्यापार की हानि उठाकर और भनेक कष्टों की कुछ भी परवा नहीं करके केवल धर्मपक्ष की रक्षा के उद्देश्य से निष्पवृत्ति से यह धर्म सेवा को थी उसी प्रकार शोलापुर, कोल्हापुर, पूना मादि (दक्षिण प्रान) के प्रसिद्ध २ कोट्याधीश महानुभावों ने भी धर्म चिंता से अपनी शक्ति इस