________________
किया। भागरा के प्रख्यात श्रीमान सेठ मगनलाल जी पाटणी मादि अन्य महानुभाव भी उपस्थित थे। कमेटी ने अपने अधिवेशन में कोल्हापुर पट्टाधीश श्रीमान पूज्य भट्टारक जिनसेन स्वामी की नायकता में इस बाशय का एक प्रस्ताव सर्वमतसे पास किया कि इस प्रन्य रचना के प्रसिद्ध होने के पीछे दो माह में भावपक्षी विद्वान अपना अभिप्राय सिद्ध करें। फिर यह कमेटी परम पूज्य श्री १०८ पाचाये शान्तिसागर जी महाराज के आदेशानुसार सजद पद सम्बन्धी अपना निर्णय घोषित कर देगी। अस्तु ।
जिनवाणी जीणोद्धारको प्रबन्धक और दृष्ट कमेटी के सुयोग्य सदस्य श्रीमान सेठ वशीलान जी गाराम काशलीवाल, नादगांव (मासिक) निवासां, तथा श्रीमान सेठ गुलाबचन जी खेमचन्द जी सांगली (कोल्हापुर स्टेट) निवासी भी हैं। इन दोनों महानुभावों ने इस अन्य को संजद पद सम्बन्धी विवाद को दूर करने वाला एवं अत्युपयोगी समझकर कर स्वयं यह इच्छा प्रगट की कि इस पन्थ को ५०० प्रति छपाई जावें और उनकी छपाई तथा कागज में जो खर्च होगा वह हमारी भोर से होगा। तदनुसार यह प्रय उक्त दोनों महानुभावों के द्रव्य से प्रकाशित हो रहा है।
दोनों ही महानुभाव देव शाख गुरु भक्त है। दृढ़ धामिक है। धर्म सम्बन्धी किसी प्रकार का विनय और विरोध दोनों ही सहन करने वाले नहीं हैं। दोनों ही समाज प्रतिष्ठित और नक्षाधीश है। श्री सेठ वंशीलाल जी काशलीलाला महाराष्ट्र प्रांत के प्रख्यात 'नगर सेठ' कहे जाते हैं। उनकी नादगांव में दो कपास